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Showing posts from October, 2025

भारत की बहुभाषिक डिजिटल क्रांति-भाषाई डिजिटल पुनर्जागरण:- मातृभाषा में डिजिटल अधिकार-तकनीक, संस्कृति और समावेशन का नया युग

 भारत की बहुभाषिक डिजिटल क्रांति-भाषाई डिजिटल पुनर्जागरण:- मातृभाषा में डिजिटल अधिकार-तकनीक, संस्कृति और समावेशन का नया युग संवाद से समावेशन तक- संविधान में 22 भाषाओं को अनुसूचित किया गया है,जिन्हें सरकारी,शैक्षिक,न्याय- प्रक्रिया और सार्वजनिक संवाद की दृष्टि से विशेष संवैधानिक मान्यता है हर नागरिक को अपनी मातृभाषा में डिजिटल अधिकार, सेवाओं तक पहुँच और सूचना की स्वतंत्रता मिले,यही भारत के भाषाई डिजिटल पुनर्जागरण की असली नींव है -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र  गोंदिया - वैश्विक स्तरपर भारत दुनियाँ का सबसे बड़ा लोकतंत्र, सबसे युवा जनसंख्या और सबसे विविध भाषाई पहचान वाला देश हैँ, यहाँ भाषा सिर्फ बोलने का माध्यम नहीं, बल्कि इतिहास, संस्कृति, परंपरा, ज्ञान और पहचान की जीवंत धरोहर है। भारतीयों के लिए भाषा आत्मा की आवाज़ है। भारत का भाषाई परिदृश्य दुनियाँ में सबसे अनूठा है, जहाँ 22 अनुसूचित भाषाएँ, 122 प्रमुख भाषाएँ और 19,500 + बोलियाँ बोली जाती हैं। इतने विशाल भाषाई विस्तार के साथ डिजिटल परिवर्तन को समावेशी बनाना एक बड़ी चुनौती और साथ ही एक विशाल अवसर है।भाषा केवल...

वर्तमान डिजिटल युग में भी दूषित भोजन खाने से होने वाली मौतों, दर्जनों बीमारियों,कौन जिम्मेदार कौन?

 वर्तमान डिजिटल युग में भी दूषित भोजन खाने से होने वाली मौतों, दर्जनों बीमारियों,कौन जिम्मेदार कौन?  भोजन उत्पादन,वितरण और आपूर्ति- शृंखला तेजी से वैश्वरीकृत हो रहा है,वहीं “दूषित या असुरक्षि भोजन” के कारण स्वास्थ्य-संकट बढ़ा खाद्य सुरक्षा उल्लंघन करने वाले अधिकारियों जो मंत्रालय से लेकर निरीक्षक पद तक को सस्पेंड ,उद्योगों, वितरकों, विक्रेताओं पर लाइसेंस रद्दीकरण, की सख़्त कार्रवाई जरूरी - एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र  गोंदिया - पूरी दुनियाँ क़े डिजिटल युग में जहां भोजन उत्पादन, वितरण और आपूर्ति-शृंखला तेजी से वैश्वरीकृत हो गया है, वहीं “दूषित या असुरक्षि भोजन” के कारण स्वास्थ्य-संकट भी उतने ही तेज स्वर से उत्पन्न हो रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुमान के अनुसार, प्रति वर्ष लगभग 60 करोड़ (600 मिलियन) लोग असुरक्षित भोजन खाने के कारण बीमार होते हैं और लगभग 4.2 लाख लोगों की मौत होती है। बच्चों (5 वर्ष से कम उम्र) पर यह बोझ विशेष रूप से भारी है,बच्चों की मृत्यु का लगभग 30 पर्सेंट हिस्सा इसी से संबंधित है। यह संख्या सिर्फ एक स्वस्थ्य-संकट नहीं है, बल्क...

47 वाँ आसियांन शिखर सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर 2025- मलेशिया की राजधानी क़ुआलालम्पुर- समावेशिता एवं स्थिरता

 47 वाँ आसियांन शिखर सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर 2025- मलेशिया की राजधानी क़ुआलालम्पुर- समावेशिता एवं स्थिरता दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में समावेशी विकास, सामाजिक आर्थिक पक्षों का समुचित समन्वय, और पर्यावरणीय तथा स्थिरता संबंधी चिंताओं को प्रमुखता दी जाएगी अमेरिका भारत सहित बड़े विकसित देश शामिल होने से आसियान अब केवल क्षेत्रीय मंच नहीं बल्कि एक वैश्विक संवाद केंद्र बनने की प्रक्रिया में है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र  गोंदिया - वैश्विक स्तरपर दक्षिण- पूर्व एशिया के संगठन (आसियांन) का 47 वाँ संस्करण, 26 से 28 अक्टूबर 2025 तक मलेशिया की राजधानी क़ुआलालम्पुर में आयोजित होने जा रहा है।मलेशिया इस वर्ष आसियान की अध्यक्षता कर रहा है,और उन्होंने इस सम्मेलन के लिए थीम तय की है, समावेशिता एवं स्थिरता, इस थीम के अंतर्गत दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में समावेशी विकास, सामाजिक,आर्थिक पक्षों का समुचित समन्वय, और पर्यावरणीय तथा स्थिरता संबंधी चिंताओं को प्रमुखता दी जा रही है। मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास  भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र यह मानता हूं कि इस आयोजन की विशेषता यह...

छठ महापर्व 25-28 अक्टूबर 2025- आस्था,श्रद्धा और आत्मसंयम का अलौकिक उत्सव - सूर्योपासना का अद्भुत वैश्विक प्रतीक

 छठ महापर्व 25-28 अक्टूबर 2025- आस्था,श्रद्धा और आत्मसंयम का अलौकिक उत्सव - सूर्योपासना का अद्भुत वैश्विक प्रतीक डिजिटल युग में भी छठ महापर्व अपनी पवित्रता, सादगी और सामूहिकता से विश्व में भारतीय संस्कृति की पहचान बनाए हुए है। छठ महापर्व केवल आस्था नहीं, बल्कि सूर्य ऊर्जा के वैज्ञानिक महत्व को भी उजागर करने वाला प्राचीन भारतीय ज्ञान है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र  गोंदिया - वैश्विक स्तरपर छठ पर्व भारत की उन प्राचीनतम और शुद्धतम परंपराओं में से एक है,जोआस्था श्रद्धा और आत्मसंयम की पराकाष्ठा को दर्शाती है। यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह जीवन की पवित्रता, प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और पारिवारिक सुख-समृद्धि का अद्भुत संगम है। छठ महापर्व को सूर्य उपासना का सबसे पवित्र पर्व माना गया है। हिंदू धर्म में सूर्य देवता को जीवनदाता, स्वास्थ्य और ऊर्जा का स्रोत माना गया है। छठ पूजा में सूर्य भगवान और उनकी पत्नी उषा (प्रातःकालीन किरण) तथा प्रत्यूषा (सायंकालीन किरण) की पूजा की जाती है।मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र यह मानता हूं कि य...

गुरु नानक देव जी की कार्तिक प्रभात फेरी महोत्सव -23 अक्टूबर से 5 नवंबर 2025- धन गुरु नानक सारा जग तारिया -आस्था,सेवा और उनकी अनंत ज्योति का विश्वव्यापी उत्सव

 गुरु नानक देव जी की कार्तिक प्रभात फेरी महोत्सव -23 अक्टूबर से 5 नवंबर 2025- धन गुरु नानक सारा जग तारिया -आस्था,सेवा और उनकी अनंत ज्योति का विश्वव्यापी उत्सव पवित्र प्रभात फेरी व गुरु नानक जयंती एक वैश्विक पर्व बन चुकी है। यूनेस्को ने भी गुरु नानक की शिक्षाओं को “वैश्विक मानवता की धरोहर”कहा है गुरु नानक की ज्योति से आलोकित ,पंद्रह दिवसीय कार्तिक प्रभात फेरी केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मा के जागरण का पर्व है,यह समाज में एकता, सेवा, समानता और प्रेम का दीप प्रज्वलित करती है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र  गोंदिया - वैश्विक स्तरपर भारत की भूमि ऋषियों,संतों औरगुरुओं की तपस्थली रही है। यहाँ हर पर्व और परंपरा का एक गहन आध्यात्मिक अर्थ निहित है। इन्हीं अमूल्य परंपराओं में से एक है,सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती से पहले मनाया जाने वाला कार्तिक प्रभात फेरी महोत्सव जो केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जीवंत आध्यात्मिक यात्रा है, जो समाज को सत्य, प्रेम, समानता और सेवा के पथ पर अग्रसर करती है। यह प्रभात फेरी 23 अक्टूबर से आरंभ होकर 5 नवंबर 2...

भाई दूज 2025-दीपावली रूपी माला का पांचवा और अंतिम चमकता मोती,स्नेह,सौहार्द और प्रीति का अंतिम दीप

 भाई दूज 2025-दीपावली रूपी माला का पांचवा और अंतिम चमकता मोती,स्नेह,सौहार्द और प्रीति का अंतिम दीप भाई दूज 2025-भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के प्रेम और कर्तव्य का वैश्विक प्रतीक भाई दुज़ पर्व बहन को‘सद्भावना की वाहक’और‘आशीर्वाद की प्रदात्री’ के रूप में देखा जाता है,जो अपने भाई के लिए प्रेम का दीप जलाती है-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र  गोंदिया - वैश्विक स्तरपर भाई दूज,यह पर्व न केवल दीपावली के पांच दिवसीय महोत्सव का समापन करता है,बल्कि पारिवारिक संबंधों में निहित स्नेह, प्रेम और सुरक्षा की भावना का दिव्य उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। जहां धनतेरस से दीपावली की शुरुआत होती है,वहीं भाई दूज उस श्रृंखला का भावनात्मक चरम है, जब बहन अपने भाई की दीर्घायु और समृद्धि की मंगल कामना करती है। 21अक्टूबर 2025, मंगलवार को मनाया जाने वाला यह पर्व केवल भारतीय समाज तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आज यह विश्वभर में प्रवासी भारतीयों के बीच पारिवारिक एकता, आत्मीयता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन चुका है। मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र यह मानता हूं, कि भारतीय संस्कृति...

गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव 21 अक्टूबर 2025- दीपावली का चौथा माणिक मोती- प्रकृति ,पशुधन और मानवता के संतुलन का उत्सव

 गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव 21 अक्टूबर 2025- दीपावली का चौथा माणिक मोती- प्रकृति ,पशुधन और मानवता के संतुलन का उत्सव गोवर्धन पूजा और अन्नकूट,हमें याद दिलाता हैँ कि विकास तभी सार्थक है जब वह धरती,अन्न, जल व पशु जीवन के प्रति कृतज्ञता से भरा हो। गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव,भारतीय संस्कृति की कृषि प्रधानता,पशुधन के प्रति संवेदना और सामूहिकता की भावना का प्रतीक है-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र  गोंदिया - वैश्विक स्तरपर भारत की सांस्कृतिक परंपराएँ केवल अनुष्ठानों या धार्मिक विधियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनमें जीवन, प्रकृति और मानवता का गहरा दर्शन निहित है। दीपावली का पंचदिवसीय महापर्व भारतीय जीवनके विविध आयामों को उजागर करताहै,धनतेरस से आरंभ होकर नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक यह श्रृंखला हर दिन एक नए आध्यात्मिक संदेश को जन-जीवन में प्रसारित करती है।21अक्टूबर 2025,मंगलवार, को जब कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा, तब यह दीपावली के चौथे रत्न के रूप में आस्था और प्रकृति संरक्षण का अद्वितीय संगम प्रस...

आइडियल पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल बेटमा में दीपावली का अनोखा उत्सव

  आइडियल पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल बेटमा में दीपावली का अनोखा उत्सव बेटमा — आइडियल पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल, बेटमा में इस वर्ष दीपावली का पर्व विशेष रूप से मनाया गया। विद्यालय परिवार ने इस अवसर पर विमुक्त जाति आश्रम छात्रावास के बच्चों के साथ दीपावली मनाकर सामाजिक सरोकार का उदाहरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में शासकीय स्कूल के सेवा निवृत शिक्षक श्री केरम सिंह टैगोर, श्री गोपाल यादव और छात्रावास अधीक्षिका श्रीमती ममता शर्मा उपस्थित रहे।अतिथियों ने विद्यालय की ओर से छात्रावास के बच्चों को गिफ्ट,पटाखे और मिठाई वितरित की।अतिथियों ने बच्चों के साथ दीप जलाए, मिठाइयाँ बाँटी और सभी को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं। विद्यालय प्रबंधन द्वारा बताया गया कि इस आयोजन का उद्देश्य समाज के हर वर्ग के बीच खुशियाँ बाँटना और बच्चों में सहयोग, संवेदना तथा एकता की भावना विकसित करना है। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, दीप सजाए और आतिशबाज़ी से उत्सव का आनंद लिया। कार्यक्रम का समापन “सबके लिए खुशियों की दीपावली” के संदेश के साथ किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के संचालक परवेज खान,फिर...

संघ के 100 वर्ष की संघर्ष गाथा सादलपुर मण्डल का निकला विशाल ऐतिहासिक पथ संचलन

 संघ के 100 वर्ष की संघर्ष गाथा सादलपुर मण्डल का निकला विशाल ऐतिहासिक पथ संचलन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में जहां संपूर्ण भारतवर्ष में शताब्दी वर्ष के निमित्त संगठन अनेक आयोजन करने की योजना बना रहा है । वही सर्वप्रथम संघ ने अपने मण्डलों में संचलन से शताब्दी वर्ष की की शुरुवात की।  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सादलपुर मण्डल में संघ के सैकड़ों स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में  कदमताल करते निकले । तय समय पर तय स्थान से निकले पथ संचलन पर जगह जगह पुष्पवर्षा कर समाज ने अभिवादन किया। कार्यक्रम में  सामाजिक व  धार्मिक कार्यकर्ता शालिग्राम  पटेल हरसोरा , अनिल कुमार जैन सादलपुर व सादलपुर मण्डल कार्यवाह  श्याम पाटीदार मंचासिन हुए। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में धार जिला सह सामाजिक समरसता संयोजक  धर्मेंद्र पाटीदार ने अपने वक्तव्य में संघ की पृष्ठभूमि में 1925 से 2025 तक की अपनी यात्रा का उल्लेख कर सभी स्वयंसेवको से पंच परिवर्तन सामाजिक समरसता ,कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण ,नागरिक अनुशासन व स्व आधारित जीवनशैली( स्व का बोध) का पालन करने का आह्वान किया ।...

दीपावली 2025-वैश्विक आलोक का पर्व- अंधकार से प्रकाश, दरिद्रता से समृद्धि और मानवता से एकता की ओर

 दीपावली 2025-वैश्विक आलोक का पर्व- अंधकार से प्रकाश, दरिद्रता से समृद्धि और मानवता से एकता की ओर दीपावली,जिसे “दीपों का पर्व” कहा जाता है,केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनियाँ में अब एक वैश्विक सांस्कृतिक उत्सव बन चुकी है लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी अपनी कृपा दृष्टि बरसाने निकली है, जिसपर नज़र पड़ी उसकी किस्मत निहाल धन धान्य से मालामाल, ऐसी मान्यता है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनाना गोंदिया महाराष्ट्र  गोंदिया - वैश्विक स्तरपर भारत सहित पूरी दुनियाँ में पौराणिक काल से भारतीयों के बीच ऐसी मान्यता है कि जो मां लक्ष्मी के सामने दिल से भावपूर्ण भाव से अपनी मनोकामना रखेगा  मां लक्ष्मी उन शुद्ध निस्वार्थ ईमानदार भावों पर अपनी कृपा दृष्टि ज़रूर बरसाती है औरउनकी दरिद्रता गरीबी हर लेती है,व धन-धान्य की बारिश करती है जिसका सटीक दिन दीपावली और पल या क्षण लक्ष्मी पूजा है।इस बार दीपावली की तारीख को लेकर दुनियाँ भर में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दीपावली मनाए जाने का विधान है।भारत में अधिकतम राज्यों लोगों द्वारा सोमवार 20 अक्टूबर 2025 को दी...

छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी 19 अक्टूबर 2025 -अंधकार से प्रकाश,अहंकार से विनम्रता और नरक से मुक्ति का आध्यात्मिक पर्व

 छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी 19 अक्टूबर 2025 -अंधकार से प्रकाश,अहंकार से विनम्रता और नरक से मुक्ति का आध्यात्मिक पर्व नरक चतुर्दशी क़ो हम अपने भीतर की अंधकारमय प्रवृत्तियों, क्रोध, लोभ, द्वेष, असत्य, आलस्य और नकारात्मक विचारों का वध करने का संकल्प लेते हैं। आज का नरकासुर,पर्यावरण प्रदूषण, लालच आधारित अर्थव्यवस्था, असमानता, और मानसिक तनाव के रूप में हमारे जीवन को घेर रहा है।अब हमें पहले से भी अधिक प्रासंगिक होना है-एडवोकेट किशन सनमुखदासभावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र गोंदिया-वैश्विक स्तरपर भारत की सांस्कृतिक औरधार्मिक परंपराएँ विश्वभर में अपनी गहराई, आध्यात्मिकता और मानवता के संदेश के लिए जानी जाती हैं। दीपावली का पंचदिवसीय महापर्व केवल एक उत्सव नहीं बल्कि मानव जीवन के आत्मिक उत्थान का प्रतीक माना जाता है।इस पंचदिवसीय श्रृंखला का दूसरा दिन“छोटी दिवाली” या “नरक चतुर्दशी”कहलाता है।वर्ष 2025 में यह पावन दिवस 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन का महत्व केवल दीप प्रज्ज्वलन तक सीमित नहीं, बल्कि यह मानव जीवन के भीतर बसे अंधकार,नकारात्मकता और अहंकार को मिटाने का प्रतीकात्मक संदेश देता है। मैं एडव...