भोपाल। एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ अनारक्षित वर्ग के 114 संगठनों ने गुरुवार को भारत बंद का आव्हान किया है। इस बंद को मप्र में सपाक्स समाज संस्था ने समर्थन दिया है। वहीं ग्वालियर में कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा ने शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है।
संगठनों का दावा है कि बंद के दौरान सुबह 10 से शाम 4 बजे तक प्रदेशभर में व्यापारिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप सहित बाजार बंद रहेंगे। हालांकि दूध सप्लाई समेत रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं को बंद से बाहर रखा है।
भोपाल में खुले रहेंगे स्कूल, कॉलेज

6 सितंबर के देशव्यापी बंद के दौरान MP में सतर्कता, अधिकांश जिलों में धारा144 लागू
आईजी जयदीप प्रसाद के अनुसार शहर में धारा 144 नहीं लगाई गई है। किसी ने धरने, प्रदर्शन और रैली की अनुमति नहीं मांगी है। स्वेच्छा से बंद रखने पर आपति नही लेकिन जबरदस्ती बंद करवाने वालो पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। शहर में स्कूल, कॉलेज खुले रहेंगे।
एट्रोसिटी एक्ट को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। जिससे अनारक्षित वर्ग (सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक) भाजपा शासित केंद्र और राज्य सरकारों से नाराज है। इसी को लेकर सोशल मीडिया पर भारत बंद का आव्हान किया गया है। जिसमें प्रदेश में अनारक्षित वर्ग का सशक्त संगठन सपाक्स समाज संस्था समर्थन में उतर आया है। संस्था के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी ने बताया कि हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को समर्थन किया है।

बंद के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस मुख्यालय ने मध्यप्रदेश के जिलों में करीब साढ़े 10 हजार अतिरिक्त पुलिस बल भेजा है।
पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था मकरंद देउस्कर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिला पुलिस अधीक्षकों व अन्य मैदानी अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है।
देउस्कर के अनुसार अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखते हुए त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि बंद के समर्थन में करीब तीन दर्जन संगठनों के साथ कई व्यापारिक संगठन भी उतर आए हैं। अधिकतर जिलों में धारा 144 लगा दी है और धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है।
उनके अनुसार दो अप्रैल को एट्रोसिटी एक्ट के समर्थन में हुए आंदोलनों के अनुभव के आधार पर पुलिस की तैयारियां कराई गईं हैं।

देउस्कर ने बताया कि अभी केवल ग्वालियर जिले में हथियार के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। वहीं प्रशासन की तरफ से स्कूल या कॉलेज बंद रखे जाने की सलाह भी नहीं दी गई है।
संगठनों का दावा है कि बंद के दौरान सुबह 10 से शाम 4 बजे तक प्रदेशभर में व्यापारिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप सहित बाजार बंद रहेंगे। हालांकि दूध सप्लाई समेत रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं को बंद से बाहर रखा है।
भोपाल में खुले रहेंगे स्कूल, कॉलेज

6 सितंबर के देशव्यापी बंद के दौरान MP में सतर्कता, अधिकांश जिलों में धारा144 लागू
आईजी जयदीप प्रसाद के अनुसार शहर में धारा 144 नहीं लगाई गई है। किसी ने धरने, प्रदर्शन और रैली की अनुमति नहीं मांगी है। स्वेच्छा से बंद रखने पर आपति नही लेकिन जबरदस्ती बंद करवाने वालो पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। शहर में स्कूल, कॉलेज खुले रहेंगे।
एट्रोसिटी एक्ट को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। जिससे अनारक्षित वर्ग (सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक) भाजपा शासित केंद्र और राज्य सरकारों से नाराज है। इसी को लेकर सोशल मीडिया पर भारत बंद का आव्हान किया गया है। जिसमें प्रदेश में अनारक्षित वर्ग का सशक्त संगठन सपाक्स समाज संस्था समर्थन में उतर आया है। संस्था के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी ने बताया कि हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को समर्थन किया है।

बंद के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस मुख्यालय ने मध्यप्रदेश के जिलों में करीब साढ़े 10 हजार अतिरिक्त पुलिस बल भेजा है।
पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था मकरंद देउस्कर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिला पुलिस अधीक्षकों व अन्य मैदानी अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है।
देउस्कर के अनुसार अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखते हुए त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि बंद के समर्थन में करीब तीन दर्जन संगठनों के साथ कई व्यापारिक संगठन भी उतर आए हैं। अधिकतर जिलों में धारा 144 लगा दी है और धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है।
उनके अनुसार दो अप्रैल को एट्रोसिटी एक्ट के समर्थन में हुए आंदोलनों के अनुभव के आधार पर पुलिस की तैयारियां कराई गईं हैं।

देउस्कर ने बताया कि अभी केवल ग्वालियर जिले में हथियार के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। वहीं प्रशासन की तरफ से स्कूल या कॉलेज बंद रखे जाने की सलाह भी नहीं दी गई है।
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