उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर भगवान की शाही सवारी सोमवार को धूमधाम से निकली। राजाधिराज की एक झलक पाने को प्रजा आतुर नजर आई। भक्तों को बाबा के छह रूपों के दर्शन हुए।
बाबा महाकाल की इस शाही सवारी में लाखों की संख्या में भक्त उमड़े।
पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ पर शिवतांडव, नंदी पर उमामहेश, रथ पर होलकर व सप्तधान (सात प्रकार के धानों से पूजित होने वाला मुखौटा) जैसे रूपों के दर्शन किए। बेहद अलौकिक माहौल केे बीच बाबा की येे सवारी निकाली।
श्रद्धालु महाकाल के 6 रूप देखकर निहाल हो गए। सवारी शाम 4 बजे मंदिर से प्रारंभ हुई। तय मार्ग से होकर रामघाट पर पहुंची। यहां मोक्षदायिनी शिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद दानीगेट, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए रात 10 बजे सवारी महाकाल मंदिर पहुंची।
बाबा महाकाल की इस शाही सवारी में लाखों की संख्या में भक्त उमड़े।
पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ पर शिवतांडव, नंदी पर उमामहेश, रथ पर होलकर व सप्तधान (सात प्रकार के धानों से पूजित होने वाला मुखौटा) जैसे रूपों के दर्शन किए। बेहद अलौकिक माहौल केे बीच बाबा की येे सवारी निकाली।
श्रद्धालु महाकाल के 6 रूप देखकर निहाल हो गए। सवारी शाम 4 बजे मंदिर से प्रारंभ हुई। तय मार्ग से होकर रामघाट पर पहुंची। यहां मोक्षदायिनी शिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद दानीगेट, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए रात 10 बजे सवारी महाकाल मंदिर पहुंची।
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