बेटमा। सनशाईन वुमेंस क्लब द्वारा सोमवार को राधा अष्टमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर शोभायात्रा निकाली जाएगी।
शोभायात्रा शाम 4 बजे अन्नापूर्णा मंदिर से गाजे-बाजे के साथ प्रारंभ होगी। शोभायात्रा में झांकी भी शामिल होगी।
राधाष्टमी : ब्रज और बरसाना में मनेगा जन्मोत्सव,
जानिये इसका महत्व
श्री राधा भगवान श्री कृष्ण के प्राणों की अधिष्ठात्री देवी मानी गई हैं।
श्रीकृष्ण का संदर्भ बिना राधा के पूरा नहीं होता है। राधा और कृष्ण मिलकर प्रेम का वृत्त पूरा करते हैं। हमारी परंपरा में शुद्ध प्रेम के प्रतीक के रूप में राधा-कृष्ण का नाम सबसे ऊपर माना जाता है। भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधाष्टमी के नाम से मनाया जाता है।
राधाष्टमी के दिन श्रद्धालु बरसाना की ऊंची पहाड़ी पर स्थित गहवर वन की परिक्रमा करते हैं। इस अवसर पर रात-दिन बरसाना में बहुत रौनक रहती है। विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। धार्मिक गीतों तथा कीर्तन के साथ उत्सव का आरम्भ होता है।
शोभायात्रा शाम 4 बजे अन्नापूर्णा मंदिर से गाजे-बाजे के साथ प्रारंभ होगी। शोभायात्रा में झांकी भी शामिल होगी।
राधाष्टमी : ब्रज और बरसाना में मनेगा जन्मोत्सव,
जानिये इसका महत्व
श्री राधा भगवान श्री कृष्ण के प्राणों की अधिष्ठात्री देवी मानी गई हैं।
श्रीकृष्ण का संदर्भ बिना राधा के पूरा नहीं होता है। राधा और कृष्ण मिलकर प्रेम का वृत्त पूरा करते हैं। हमारी परंपरा में शुद्ध प्रेम के प्रतीक के रूप में राधा-कृष्ण का नाम सबसे ऊपर माना जाता है। भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधाष्टमी के नाम से मनाया जाता है।
राधाष्टमी के दिन श्रद्धालु बरसाना की ऊंची पहाड़ी पर स्थित गहवर वन की परिक्रमा करते हैं। इस अवसर पर रात-दिन बरसाना में बहुत रौनक रहती है। विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। धार्मिक गीतों तथा कीर्तन के साथ उत्सव का आरम्भ होता है।
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