बेटमा से राजेन्द्र सूर्यवंशी की रिपोर्ट
लगातार अवैध खनन की शिकायत की मिलते हुए पत्रकार द्वारा कई पंचायत का सर्वे किया गया। जहां पर की घटनास्थल की जानकारी लेने पर पाया गया कि उक्त स्थान की खुदाई लगातार एक महीने से चल रही है, जब तलाई की पूरी खुदाई होते हुए प्रत्यक्ष रूप से पत्रकारों द्वारा देखकर जेसीबी चलाते हुए व्यक्ति से पूछा गया तो ,ना ही उसके ठेकेदार के बारे में कुछ बताया गया और ना ही इंजीनियर की जानकारी दी गई, बस यही कहा गया कि जो भी है वह क्षेत्रीय सरपंच की अनुमति से चल रहा है। साथ ही उक्त स्थान से निकलते हुए जब कुछ दूरी पर जानकारी लगी की गौरव नाम का व्यक्ति उक्त मामले को संभालता है। तब पत्रकारों द्वारा चर्चा करने पर अपने आपको इंजीनियर बताया गया और कहां गया की परमिशन नाम की कोई भी प्रति हमारे पास नहीं है और हमें ऊपर से आदेश नहीं है कि हम किसे बताएं और सरपंच से उसके मोबाइल द्वारा बात कराई गई। तब सरपंच द्वारा जानकारी मांगने पर कि श्रीमान जी पंचायत द्वारा दी गई परमिशन या उक्त व्यक्ति द्वारा बताया जा रहा है कि आपकी अनुमति से उक्त कार्य चल रहे हैं, तब सरपंच द्वारा कहा गया कि मैं विधायक विशाल पटेल का रिश्तेदार हूं, और उन्होंने मुझे स्पेशल परमिशन दी है आप कौन होते हैं जानकारी मांगने वाले और पूरे पत्रकारों को गाली बक कर कहा गया कि, प्रशासनिक अधिकारी और पत्रकार मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हैं। क्योंकि मेरे खास रिश्तेदार विधायक जी हैं। उक्त इसी प्रकार की घटना देखने को कुछ समय पूर्व खिमलावदा पंचायत में तलाई खुदाई को लेकर देखने को मिली थी जहां पर भी चुनाव के चलते हुए सरपंच द्वारा आचार संहिता का मजाक उड़ाते हुए लगातार दो हजार से 3000 के बीच डंपर मिट्टी की खुदाई कर अटाहेड़ा रोड पर बिछा दिया गया था ,वहां पर भी विधायक जी का नाम लेकर ही खुदाई की गई थी। घटना की जानकारी देपालपुर एस.डी.एम.महोदय को भी दी गई थी|
मगर कोई दंडात्मक कार्यवाही नहीं की गई थी, और आज फिर आचार संहिता का मजाक उड़ाते हुए इस प्रकार की घटना होना यह बताता है कि अवैध उत्खनन करने वालों पर प्रशासनिक अमले का और प्रशासकीय अधिकारियों का किसी भी प्रकार का भय नहीं है। देपालपुर तहसील में चलने वाले अवैध गतिविधियों को अंजाम देने वाले हर शख्स द्वारा विधायक विशाल पटेल का नाम लेकर या तो डराया जा रहा है, या फिर गलत कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को डराया जा रहा है ,सामाजिक स्तर पर हर व्यक्ति द्वारा कहा जाता है कि वह हमारे करीबी रिश्तेदार हैं आखिर इन गलत गतिविधियों में विधायक विशाल पटेल का हाथ है या नहीं और प्रशासनिक अधिकारी की आखिर वह कौन सी मजबूरी है, जिसके चलते वह कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
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