इंदौर।
कोरोना COVID-19 का प्रकोप अब भयावह होता जा रहा। जिन मरीजों में कोरोना वायरस पॉजिटिव आया है, उनमें से एक के भी विदेश यात्रा संबंधित जानकारी का सामने नहीं आना, इस बात का संकेत है कि अब यह वायरस पूरी तरह से तीसरी स्टेज में आ चुका है, जिससे शहर में पॉजिटिव मरीजों के जरिए अन्य लोगों को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में उक्त सभी लोगों को ढूंढा जा रहा, जो कभी इन पॉजिटिव आ चुके लोगों के संपर्क में कभी आए थे। प्रशासन की सख्त चेतावनी प्रशासन ने कोरोना के प्रकोप पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाते हुए पॉजिटिव मिले मरीजों के घरों को सील कर एपिसेंटर घोषित कर दिया है। मरीज के परिजन होम क्वारेंटाइन पीरियड में रहेंगे।
प्रशासन ने सख्त चेतावनी देते हुए घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद बेवजह घरों से बाहर निकलना भयावह स्थित निर्मित होने की दिशा में बढ़ रहा है।
अब तक इंदौर में कोरोना के 15 पॉजिटिव मिले हैं। 2 की मौत हो चुकी है। जानकारी के अनुसार हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ा रहा है। जिनमें कुछ सुधार भी हो रहें। लेकिन, सुधार बेहद कम है जबकि कोरोना के संक्रमितों की संख्या तीन गुना है। ऐसे में प्रशासन ने सख्त के साथ भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली की तहर सम-विषम वाहनों का फॉर्मूला तय किया गया है। साथ दुकानों के खुलने का समय भी बदलकर सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक कर दिया गया है। संक्रमण को रोकने के लिए बफर जोन कोरोना सो दो मौत के बाद अब प्रशासन की चिंताएँ बढ़ती जा रही है। तीन दिन में 11 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। ऐसे में लोगों को बचाने के लिए मास्क और सेनिटाइज के साथ घरों से बेवजह बाहर ना निकले और 1 मीटर की दूरी में रहने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। साथ ही पीड़ित के घर से बाहर के 5 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र के रहवासियों की रैंडम जांच की जाएगी। चिंहित एडिया को नगर निगम सेनिटाइज किया जाएगा।
कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए हमारे पास काफी सीमित संसाधन हैं। इंदौर शहर में सरकार और निजी सभी को मिलाकर आईसीयू में करीब 300 बेड हैं, जबकि इनमें 200 पर ही वेंटिलेटर व्यवस्था है। इंदौर में जिस तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही छोटे-बड़े निजी अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
कोरोना COVID-19 का प्रकोप अब भयावह होता जा रहा। जिन मरीजों में कोरोना वायरस पॉजिटिव आया है, उनमें से एक के भी विदेश यात्रा संबंधित जानकारी का सामने नहीं आना, इस बात का संकेत है कि अब यह वायरस पूरी तरह से तीसरी स्टेज में आ चुका है, जिससे शहर में पॉजिटिव मरीजों के जरिए अन्य लोगों को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में उक्त सभी लोगों को ढूंढा जा रहा, जो कभी इन पॉजिटिव आ चुके लोगों के संपर्क में कभी आए थे। प्रशासन की सख्त चेतावनी प्रशासन ने कोरोना के प्रकोप पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाते हुए पॉजिटिव मिले मरीजों के घरों को सील कर एपिसेंटर घोषित कर दिया है। मरीज के परिजन होम क्वारेंटाइन पीरियड में रहेंगे।
प्रशासन ने सख्त चेतावनी देते हुए घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद बेवजह घरों से बाहर निकलना भयावह स्थित निर्मित होने की दिशा में बढ़ रहा है।
अब तक इंदौर में कोरोना के 15 पॉजिटिव मिले हैं। 2 की मौत हो चुकी है। जानकारी के अनुसार हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ा रहा है। जिनमें कुछ सुधार भी हो रहें। लेकिन, सुधार बेहद कम है जबकि कोरोना के संक्रमितों की संख्या तीन गुना है। ऐसे में प्रशासन ने सख्त के साथ भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली की तहर सम-विषम वाहनों का फॉर्मूला तय किया गया है। साथ दुकानों के खुलने का समय भी बदलकर सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक कर दिया गया है। संक्रमण को रोकने के लिए बफर जोन कोरोना सो दो मौत के बाद अब प्रशासन की चिंताएँ बढ़ती जा रही है। तीन दिन में 11 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। ऐसे में लोगों को बचाने के लिए मास्क और सेनिटाइज के साथ घरों से बेवजह बाहर ना निकले और 1 मीटर की दूरी में रहने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। साथ ही पीड़ित के घर से बाहर के 5 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र के रहवासियों की रैंडम जांच की जाएगी। चिंहित एडिया को नगर निगम सेनिटाइज किया जाएगा।
कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए हमारे पास काफी सीमित संसाधन हैं। इंदौर शहर में सरकार और निजी सभी को मिलाकर आईसीयू में करीब 300 बेड हैं, जबकि इनमें 200 पर ही वेंटिलेटर व्यवस्था है। इंदौर में जिस तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उस हिसाब से स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही छोटे-बड़े निजी अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
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