हमने जो ज्ञान प्राप्त किया है उसका उपयोग जीवन में होना चाहिए अन्यथा कोरा ज्ञान हो जावेगा। रामभरोसे वर्मा।
हमने जो ज्ञान प्राप्त किया है उसका उपयोग जीवन में होना चाहिए अन्यथा कोरा ज्ञान हो जावेगा। रामभरोसे वर्मा।
धार, आर्य समाज जिला धार के तत्वावधान में पतंजलि योगपीठ जिला धार के सानिध्य में सरस्वती शिशु मंदिर धार पर सात दिवसीय आर्य वीर दल, योग एवं चरित्र निर्माण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें धार एव झाबुआ जिले के पचास से अधिक युवाओं की भागीदारी हो रही है।
दैनिक गतिविधियों में प्रातः साढ़े चार बजे से लेकर रात्रि दस बजे तक व्यस्त कार्यक्रम में योग, व्यायाम,यज्ञ,शस्त्र विद्या,भजन संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ दो सत्र बौध्दिक के रखे गये है।दूसरे दिवस प्रातः कालीन योग शिविर भारत स्वाभिमान जिला प्रभारी एवं युवा भारत राज्य कार्यकारिणी सदस्य विक्रम डूडी,महेश आर्य ने योग के गुर सिखाए। प्रसिद्ध यज्ञाचार्य एवं भागवताचार्य पं बालकृष्ण गणेशदत्त शास्त्री उज्जैन ने कहा कि हम राम कृष्ण के वंशज हैं उनके पद चिन्हों पर चलकर अपने कुल व राष्ट्र को गौरवान्वित करना है।
पतंजलि योग समिति जिला प्रभारी रामभरोसे वर्मा ने कहा कि धनवान, पहलवान, बलवान, विद्वान बनना आसान है लेकिन संस्कारवान बनना बहुत कठिन है हमें सबसे पहले संस्कारवान बनना चाहिए।जोभी अच्छी बातें हमने शिविर में सीखी है उसे अपने जीवन में उतारना होगा तभी सार्थकता सिद्ध होगी। यदि हमें अपने सबसे बड़े दुश्मन आलस्य को जीतना है और सबसे बड़े सुख आरोग्य को पाना है तो नियमित योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा।
दीपक पंवार ने वीर शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, भगतसिंह, राजगुरु, विवेकानंद जी जैसे महापुरुषों के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। व्यायाम शिक्षक कृपालसिंह ने व्यायाम एवं शस्त्र विद्या के गुर सिखाए, शिविर अध्यक्ष उमराव भाटी ने अतिथियों का स्वागत किया रामचंद्र सोलंकी, शिविर संचालक आर्य समाज धार के प्रधान लाखनसिंह ठाकुर ने संचालन किया आभार महेश आर्य ने माना।यह जानकारी मिडिया प्रभारी मिलिन्द पांडर ने दी |
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