महू पुलिस द्वारा अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाई, सगे भाई ने ही अपने साथी के साथ मिलकर हत्या कि वारदात को दिया था अंजाम
जिला इंदौर (ग्रामीण) अंतर्गत थाना महू पुलिस द्वारा अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाई, सगे भाई ने ही अपने साथी के साथ मिलकर हत्या कि वारदात को दिया था अंजाम । पुलिस को गुमराह करने कि नियत से खुद थाने आकर दर्ज कराई थी भाई की मृत्यु की सुचना ।
जिला इंदौर ग्रामीण अंतर्गत थाना महू पर दिनांक 11.12.2022 को सुचनाकर्ता मनीष द्वारा अपने बडे भाई मृतक विरेन्द्र उर्फ गोलु पिता मनोहर चौहान उम्र 23 साल निवासी तेलीखेडा के बेसुध अवस्था में अन्ना कालोनी तेलीखेडा मे झाडियो में पडा मिलने पर उसे अस्पताल ले जाने व वहां डाक्टर द्वारा उसे मृत घोषित करने की सुचना थाना महू पर दर्ज कराई गई ।
सुचना पर थाना महू पर मर्ग क्रमांक 44/2022 धारा 174 जा.फौ का कायम कर मृतक के शव व घटनास्थल का सुक्ष्मता से एसएसएल टीम से निरीक्षण कराकर साक्ष्य संकलित कर मृतक विरेन्द्र के शव का पी.एम. कराया गया
मृतक की पी.एम.रिपोर्ट में पी.एम.कर्ता डाक्टर द्वारा मृतक की मृत्यु गला घोंटने से होना बताया गया ।
अंधेकत्ल की उक्त घटना को अंजाम देने वाले आरोपियो तक पहुचने हेतु पुलिस अधीक्षक इंदौर ग्रामीण श्रीमति हितिका वासल के कुशल निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री शशिकांत कनकने व अनुविभागीय अधिकारी महू श्री दिलीप चौधरी के मार्गदर्शन मे थाना प्रभारी महू के नेतृत्व में थाना महू पुलिस के साथ सायबर सेल टीम को लगाया गया ।
घटना का पर्दाफाश करने के लिए लगी टीम द्वारा मृतक के परिवार वालो व अन्य साक्षियो से पुछताछ कि गई जिससे कोई खास जानकारी पता नहीं चलने पर साक्षियो से कि गई पुछताछ के आधार पर मुखबिरो को घटना से संबंधित जानकारी हेतु लगाया गया जिनके द्ववारा दी गई महत्वपुर्ण सुचनाओ के आधार पर एवं संज्ञान मे आये स्वतंत्र साक्षियो द्वारा बताया गया कि घटना दिनांक 10.12.2022 को मृतक विरेन्द्र उर्फ गोलु को उसके सगे भाई मनीष तथा मनीष के दोस्त सुरेन्द्र कछावा के साथ खेतो की तरफ जाते हुए देखा गया था । जांच में पाये गये साक्ष्यो के आधार पर आरोपियो के विरुद्ध अपराध क्रमांक 206/23 धारा 302,201 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।
प्रत्यक्ष दर्शियो द्वारा दी गई महत्वपुर्ण जानकारी के आधार पर मनीष व सुरेन्द्र कछावा पर संदेह गहराने से दोनो संदेहियो के मोबाईल नंबरो काल डिटेल खंगालने पर दोनो की घटना दिनांक को एक ही लोकेशन पर उपस्थिति तथा घटना एक दिन पहले व घटना के दिन कई बार बातचीत होना पाया जाने पर दोनो संदेहियो मनीष तथा सुरेन्द्र कछावा से हिकमत अमली से पुछताछ करने पर मनीष द्वारा अपने बडे भाई मृतक विरेन्द्र के शराब पीने में घर के रुपये उडाने व तथा उसके तथा उसकी मां के साथ मारपीट करने से तंग आकर अपने दोस्त सुरेन्द्र कछावा के साथ मिलकर अपने सगे भाई विरेन्द्र कि हत्या करना स्वीकार कर बताया कि –
मृतक विरेन्द्र जो कि मनीष का बड़ा भाई था विरेन्द्र शराब पीने का आदी था वह घर के सारे रुपये शराब पीने में खर्च कर देता था तथा उसकी मां तथा उसके साथ मारपीट करता था जिससे तंग आकर तथा मृतक विरेन्द्र से छुटकारा पाने की नियत से मनीष द्वारा अपने दोस्त सुरेन्द्र कछावा के साथ मिलकर अपने भाई विरेन्द्र की हत्या करने की साजिश रच ली
साजिश को अंजाम देने के लिए भी मृतक विरेन्द्र की शराब की लत का ही सहारा लिया घटना दिनांक को शराब दुकान से शराब खरीदी तथा मेडिकल स्टोर से दस्ताने तथा अन्य दुकान से रस्सी खरीदी तथा विरेन्द्र को अपने साथ खेत पर ले गये वहाँ उसे शराब पीलाई तथा विरेन्द्र को शराब का नशा होने पर अपने साथी के सुरेन्द्र के साथ मिलकर विरेन्द्र के गले में रस्सी का फंदा डालकर उसका गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी हत्या को आत्महत्या बताने कि नियत से मृतक के शव को पेड़ पर टांगने का प्रयास करने के दौरान किसी के आने की आहट पाकर मृतक के शव को वही नाले में फेंक कर भाग गये ।
आरोपी मनीष द्वारा पुलिस को गुमराह करने के इरादे से अगले दिन थाने पर आकर मृतक के बेसुध अवस्था में झाडियो में पडा मिलने व मौत होने की घटना बताकर रिपोर्ट दर्ज करा दी थी । हत्या को अंजाम देने वाले दोनो आरोपियो को गिरफ्तार कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही कि जा रही है।
अंधेकत्ल की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस अधीक्षक इंदौर (ग्रामीण) श्रीमति हितिका वासल के कुशल निर्देशन व एएसपी महू श्री शशिकांत कनकने व एसडीओपी महू श्री दिलीप चौधरी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी महू श्री महेन्द्र भदौरिया के नेतृत्व में उप निरीक्षक मुकेश कनासिया, सउनि राकेश चौहान, प्रधान आरक्षक 1482 नीरज यादव , आरक्षक 1378 राकेश मीना, आरक्षक 88 हितेश परिहार, आरक्षक 215 विजय अंडेलकर एवं साइबर सेल आरक्षक रवि की सराहनीय भुमिका रही ।
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