दीपावली के त्यौहार के अवसर पर उच्च शिक्षितों का रोजगार छीन रही है मोहन सरकार :-
' फॉलेन आउट के दंश से सैकड़ों अतिथि विद्वानों की दीवाली रहेंगी फीकी '
' अतिथि विद्वानों के बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ेगा असर '
पिछले 25 सालों से तो प्रदेश हजारों अतिथि विद्वानों के भविष्य के साथ सरकार छल करती आ रही है। लेकिन अब दीपावली के त्यौहार से पहले ही प्रदेश के 68 प्रधानमंत्री कॉलेजों के उच्च शिक्षित अतिथि विद्वानों का रोजगार छीन लिया गया है। उनकी जगह 535 प्रोफेसरों का ट्रांसफर कर देने से वे अब सड़क पर आ गए हैं। इसमें ऐसे सहायक प्रोफेसर भी है जिनके विरूद्ध शिकायतें थीं और सिगंल पद होने के बावजूद रसूखदारों, प्राचार्य, अतिरिक्त संचालक आदि की मिली भगत से पिछले 10 माह से रिडिप्लायमेंट कैंसिल नहीं होने दिया और अब ट्रांसफर लिस्ट में नाम भी शामिल करवा लिया। यहां तक कि पूर्व कॉलेज से अपना कार्यमुक्ति पत्र भी व्हाट्सएप पर मंगवा लिया।
ऐसी स्थिति में फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों पर और उनके परिवार पर संकट मंडरा गया है। अब उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी और आर्थिक परेशानी के कारण दीपावली का त्यौहार भी फीका रहेगा।
सरकार के खोखले नियमों से इन उच्च शिक्षितों की जिंदगी बर्बाद हो गई है। जब चाहे उच्च शिक्षा विभाग इनको ट्रांसफर और नवीन नियुक्ति से फॉलेन आउट का दंश दे देता है। यह व्यवस्था पिछले 25 सालों से चल रही है। इनके लिए पिछली शिवराज सरकार में पंचायत करवाई गई थी। जिसमें इन्हें फॉलेन आउट जैसे शब्द से मुक्ति देने और 50 हजार फिक्स वेतन देने की घोषणा तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में हुई थी।
मध्य प्रदेश अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुरजीत सिंह भदौरिया ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि अतिथि विद्वानों को सरकार ने यूज एंड थ्रो बना रखा है। हमारी सालों की मेहनत का मजाक बना दिया गया है। अतिथि विद्वान पंचायत में सार्वजनिक मंच से बड़ी - बड़ी डिगें मारी गई थी। वे सब मोहन सरकार में खोखली साबित हो गई है।
संघर्ष मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता शंकरलाल खरवाडिया ने भी इस बारें कहा है कि दीपावली के अवसर पर भविष्य संवारने की बजाय मोहन सरकार उल्टा हमारा रोजगार छीन रही है। प्रधानमंत्री कॉलेजों के सैकड़ों अतिथि विद्वानों का एक झटके में रोजगार छीन लेना सरकार की करनी और कथनी में अंतर बताता है।



बिल्कुल सही मोहन यादव जी की सरकार परमानेंट को लाखों और अतिथि विद्वानों को हजारों में से भी वेतन कटौती करके देगी तोहफा दीपावली की सैलरी का दीपावली की करीब एक सप्ताह की छुट्टी है जिसमें अतिथि विद्वानों को कोई वेतन नहीं मिलेगा बहुत दुर्भाग्य है 22 वर्षों के कार्यकाल में इतना अंधकार किसी सरकार ने नहीं किया और मोहन यादव जी की इतनी तानाशाही निश्चित ही भाजपा सरकार के लिए घातक सिद्ध हो सकती है.... 🤔🤔🤔🤔🤔🤔 क्या जनता से पूछ कर बनाया था इन्हें मुख्यमंत्री जो जनता पर इतना जुल्म करहे रहे हैं माननीय मोहन यादव जी... 🤦🏼♂️🤦🏼♂️🤦🏼♂️🤦🏼♂️
ReplyDeleteत्योहारों की जितने दिन की छुट्टी उतना ही वेतन कटेगा अतिथि विद्वानों का और परमानेंट को पूरे माह का वेतन दिया जाएगा यह है वर्तमान सरकार की सोच.... अतिथि विद्वानों के लिए माननीय मुख्यमंत्री के विचार है यह 🤦🏼♂️🤦🏼♂️🤦🏼♂️🤦🏼♂️🤦🏼♂️🤦🏼♂️ एक तरफ अंधेरा एक तरफ उजाला
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