बेटमा - दीपावली धन और समृद्धि का त्योहार है। हर व्यक्ति कार्तिक अमावस्या को मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और धन प्राप्त करने के उपाय करता है। इस बार अमावस्या छोटी दिवाली यानी 6 नवंबर से रात 10:27 से शुरू होकर 7 नवंबर रात 9:31 तक रहेगी।
इसलिए स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए गृहस्थों को स्थिर लग्न वृष में पूजन करना चाहिए, जो प्रायः गोधूलि की वेला में होता है। इसके अलावा स्थिर लग्न सिंह, वृश्चिक और कुंभ हैं। मगर वृष लग्न में पूजन करना इसलिए ज्यादा श्रेष्ठ है क्योंकि यह भूमि तत्व का है और इसके देवता शुक्र होते हैं, जो भौतिक सुखों के स्वामी हैं।
वहीं, तंत्र विद्या से लक्ष्मी पूजा करने वालों के लिए आधी रात का समय उत्तम बताया जाता है। पंचांग के अनुसार, शाम 6.30 बजे से रात 8.30 बजे तक वृष लग्न रहेगा। वहीं चौघड़िया के अनुसार, शाम 7.10 बजे से रात 8.51 मिनट तक शुभ, रात 8.51 से रात 10. 32 मिनट तक अमृत योग रहेगा।
लक्ष्मी जी को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, लाल कपड़ा, सप्तधान्य, गुलाल, लौंग, अगरबत्ती, हल्दी, अर्घ्य पात्र, फूलों की माला और खुले फूल, सुपारी, सिंदूर, इत्र, इलायची, कपूर, केसर, सीताफल, कमलगट्टे, कुशा, कुंकु, साबुत धनिया, खील-बताशे, गंगाजल, देसी घी, चंदन, चांदी का सिक्का, अक्षत, दही, दीपक, दूध, लौंग लगा पान, दूब घास, गेहूं, धूप बत्ती, मिठाई, पंचमेवा, मौली, रूई, यज्ञोपवीत, रोली, चीनी, शहद, नारियल और हल्दी की गांठ।
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