भोपाल। शुक्रवार को दिन भर चले सियासी ड्रामे के बाद देर रात ये तय हो गया कि अब मध्यप्रदेश की कमान कमलनाथ के हाथों में होगी। कमलनाथ 17 दिसंबर को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में शपथ लेंगे। इस बीच कमलनाथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे हैं। उनके साथ अरुण यादव और वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी भी मौजूद हैं। वो राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के कई बड़े नेताओं के शामिल होने की संभावना है। वहीं कमलनाथ के साथ बीस मंत्रियों के भी शपथ लेने की खबरें सामने आ रही हैं।
इससे पहले राजभवन में बुधवार को सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद कांग्रेस में दूसरे दिन भावी मुख्यमंत्री को लेकर दिल्ली से भोपाल तक कश्मकश की स्थिति बनी रही। वहीं दिल्ली में सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के साथ बैठक के बाद कमलनाथ व सिंधिया भोपाल पहुंचे।
जहां दिल्ली में राहुल गांधी-सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के साथ सीएम पद के दोनों दावेदारों कमलनाथ-ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किसी एक नाम पर सहमति बनाने के लिए बैठकों का दौर चलता रहा तो भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से लेकर कमलनाथ-अजय सिंह के बंगले पर शक्ति प्रदर्शन के रूप में विधायक-कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे।
दिल्ली में अनिर्णय की स्थिति के चलते विधायक दल की बैठक का समय पांच बार बदलना पड़ा। भोपाल में कमलनाथ-सिंधिया के समर्थक अपने-अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर आमने-सामने आ गए और नारों के जरिए शक्ति प्रदर्शन करते रहे। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह भी भोपाल में सक्रिय रहे।
इस बीच रात 11 बजे साफ हो गया कि कमलनाथ ही एमपी के नए मुख्यमंत्री होंगे। नाम का ऐलान होने के बाद कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का उनके समर्थन के लिए धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि यह पद उनके लिए मील के पत्थर के समान है। उन्होंने कहा कि, वे मध्यप्रदेश के मतदाताओं के आभारी हैं। कांग्रेस वचनपत्र में किए गए अपने सभी वादे पूरा करेगी।
ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के कई बड़े नेताओं के शामिल होने की संभावना है। वहीं कमलनाथ के साथ बीस मंत्रियों के भी शपथ लेने की खबरें सामने आ रही हैं।
इससे पहले राजभवन में बुधवार को सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद कांग्रेस में दूसरे दिन भावी मुख्यमंत्री को लेकर दिल्ली से भोपाल तक कश्मकश की स्थिति बनी रही। वहीं दिल्ली में सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के साथ बैठक के बाद कमलनाथ व सिंधिया भोपाल पहुंचे।
जहां दिल्ली में राहुल गांधी-सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के साथ सीएम पद के दोनों दावेदारों कमलनाथ-ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किसी एक नाम पर सहमति बनाने के लिए बैठकों का दौर चलता रहा तो भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से लेकर कमलनाथ-अजय सिंह के बंगले पर शक्ति प्रदर्शन के रूप में विधायक-कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे।
दिल्ली में अनिर्णय की स्थिति के चलते विधायक दल की बैठक का समय पांच बार बदलना पड़ा। भोपाल में कमलनाथ-सिंधिया के समर्थक अपने-अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर आमने-सामने आ गए और नारों के जरिए शक्ति प्रदर्शन करते रहे। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह भी भोपाल में सक्रिय रहे।
इस बीच रात 11 बजे साफ हो गया कि कमलनाथ ही एमपी के नए मुख्यमंत्री होंगे। नाम का ऐलान होने के बाद कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का उनके समर्थन के लिए धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि यह पद उनके लिए मील के पत्थर के समान है। उन्होंने कहा कि, वे मध्यप्रदेश के मतदाताओं के आभारी हैं। कांग्रेस वचनपत्र में किए गए अपने सभी वादे पूरा करेगी।
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