Video मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर बेटमा के युवाओं द्वारा शहीद के लिए किए गए प्रयास की सराहना की। बेटमा देपालपुर क्षेत्र के युवाओं ने शहीद मोहनलाल सुनेर की पत्नी राजुबाई को तोहफे में दिया 10 लाख का मकान। स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन त्योहार के अवसर पर राखी बंधवाकर हथेली पर चला कर कराया गृहप्रवेश।
रिपोर्टर - रमेश कांकरवाल,बेटमा
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर बेटमा के युवाओं द्वारा शहीद के लिए किए गए प्रयास की सराहना की।
बेटमा देपालपुर क्षेत्र के युवाओं ने शहीद मोहनलाल सुनेर की पत्नी राजुबाई को तोहफे में दिया 10 लाख का मकान। स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन त्योहार के अवसर पर राखी बंधवाकर हथेली पर चला कर कराया गृहप्रवेश।
इंदौर के पास बेटमा के पिरपीपलिया गांव में बेटमा देपालपुर क्षेत्र के युवाओं ने रक्षाबंधन पर शहीद मोहनलाल सुनेर की पत्नी राजुबाई से राखी बंधवाकर 10 लाख रु का घर बनाकर उपहार में दिया। बेटमा के युवाओं के इस देशभक्ति के जज्बे की मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने ट्वीट कर सराहना की।
दरअसल मोहनलाल सुनेर दिसंबर 1992 में त्रिपुरा में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। शहीद की पत्नी बेटमा के पास पीरपीपलिया गांव में एक टूटी फूटी झोपड़ी में रहती थी। मजदूरी करके अपने दो बच्चों का पेट पाल रही थी। स्थिति बड़ी दयनीय थी।शहीद मोहनलाल के परिवार को सरकार से कोई मदद नहीं मिली थी। उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया था। सुनेर की पत्नी को अपने दो बेटों को पालना मुश्किल हो रहा था।
इसके लिए बेटमा के युवाओं द्वारा वन चेक फॉर शहीद अभियान चलाया और करीब 11 लाख रुपए एकत्रित किए। स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन के दिन सुनेर की पत्नी को मकान उपहार देकर गृहप्रवेश कराया और राखी भी बंधवाई।
मोहनलाल की पत्नी राजूबाई ने बताया कि पति जब शहीद हुए, उस वक्तबड़ा बेटा 3 साल का था। वे 4 महीने की गर्भवती थीं। पति की शहादत के बाद दोनों बच्चों को पालने के लिए कड़ी मेहनत की और झोपड़ी में रहते हुए मजदूरी कर बच्चों को बड़ा किया। उनकी शहादत पर गर्व है।
अभियान के संयोजक विशाल राठी के मुताबिक, शहीद के परिवार के लिए 10 लाख रुपए में घर तैयार हो गया। एक लाख रुपए मोहनलाल की प्रतिमा के लिए रखे हैं। प्रतिमा भी लगभग तैयार है। इसे पीरपीपल्या मुख्य मार्ग पर लगाएंगे। जिस सरकारी स्कूल में शहीद मोहनलाल सुनेर ने पढ़ाई की, उसका नाम भी सुनेर के नाम पर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
अब सोहनलाल सुनेर का बड़ा बेटा राजेश भी बीएसएफ में कार्यरत है। छोटा बेटा राकेश मां के साथ बेटमा के पास पीरपीपलिया गांव में रहता है।
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