भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे।इससे पहले झाबुआ उपचुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस पसोपेश में थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया अपने ही परिवार में टिकट रखने के लिए प्रदेश नेतृत्व पर लगातार दबाव बना रहे थे।
उल्लेखनीय है कि झाबुआ सीट के लिए 21 अक्टूबर को मतदान कराया जाना है।नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे।बुधवार शाम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और केंद्रीय चुनाव समिति के प्रभारी मुकुल वासनिक ने भूरिया के नाम का ऐलान किया। कांतिलाल भूरिया लोकसभा चुनाव में भूरिया भाजपा प्रत्याशी गुमानसिंह डामोर से हार गए थे
उल्लेखनीय है कि भूरिया लंबे समय से टिकट पाने के लिए प्रदेश नेतृत्व पर दबाव बनाए हुए थे। हालांकि भूरिया को लोकसभा चुनाव में झाबुआ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी पर बढ़त मिली थी।
विधानसभा चुनाव 2018 में झाबुआ विधानसभा सीट से भूरिया के पुत्र डॉ. विक्रांत भूरिया को गुमानसिॅंह डामोर ने हराया था और लोकसभा चुनाव में जीतने पर उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।
मंगलवार रात को मुख्यमंत्री व पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ-पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भूरिया के साथ बैठक की। भूरिया पिता-पुत्र के अलावा तीसरे दावेदार जेवियर मेड़ा थे।
झाबुआ उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी जमीनी तैयारियां करीब तीन महीने पहले शुरू कर दी थीं। प्रभारी मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल के साथ आधा दर्जन विधायकों व अन्य वरिष्ठ नेताओं की टीम बनाकर वहां मतदान केंद्र स्तर पर काम शुरू कर दिया था।
विश्व आदिवासी दिवस पर बड़ा कार्यक्रम किया गया और मुख्यमंत्री कमलनाथ भी वहां दौरा कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर चुके हैं। मगर इन तैयारियों के बावजूद झाबुआ उपचुनाव में इस समय प्रत्याशी चयन में आ रही परेशानियों से पार्टी के सामने दुविधा की स्थिति बन गई थी।
कांग्रेस झाबुआ उपचुनाव को हर हाल जीतने के लिए प्रयासरत है, जिसके लिए वहां प्रभावी जय आदिवासी युवा शक्ति 'जयस" के संरक्षक व कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा से पार्टी को चुनाव में संगठन का समर्थन देने का एलान करा चुकी है
उल्लेखनीय है कि झाबुआ सीट के लिए 21 अक्टूबर को मतदान कराया जाना है।नतीजे 24 अक्टूबर को आएंगे।बुधवार शाम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और केंद्रीय चुनाव समिति के प्रभारी मुकुल वासनिक ने भूरिया के नाम का ऐलान किया। कांतिलाल भूरिया लोकसभा चुनाव में भूरिया भाजपा प्रत्याशी गुमानसिंह डामोर से हार गए थे
उल्लेखनीय है कि भूरिया लंबे समय से टिकट पाने के लिए प्रदेश नेतृत्व पर दबाव बनाए हुए थे। हालांकि भूरिया को लोकसभा चुनाव में झाबुआ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी पर बढ़त मिली थी।
विधानसभा चुनाव 2018 में झाबुआ विधानसभा सीट से भूरिया के पुत्र डॉ. विक्रांत भूरिया को गुमानसिॅंह डामोर ने हराया था और लोकसभा चुनाव में जीतने पर उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।
मंगलवार रात को मुख्यमंत्री व पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ-पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भूरिया के साथ बैठक की। भूरिया पिता-पुत्र के अलावा तीसरे दावेदार जेवियर मेड़ा थे।
झाबुआ उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी जमीनी तैयारियां करीब तीन महीने पहले शुरू कर दी थीं। प्रभारी मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल के साथ आधा दर्जन विधायकों व अन्य वरिष्ठ नेताओं की टीम बनाकर वहां मतदान केंद्र स्तर पर काम शुरू कर दिया था।
विश्व आदिवासी दिवस पर बड़ा कार्यक्रम किया गया और मुख्यमंत्री कमलनाथ भी वहां दौरा कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर चुके हैं। मगर इन तैयारियों के बावजूद झाबुआ उपचुनाव में इस समय प्रत्याशी चयन में आ रही परेशानियों से पार्टी के सामने दुविधा की स्थिति बन गई थी।
कांग्रेस झाबुआ उपचुनाव को हर हाल जीतने के लिए प्रयासरत है, जिसके लिए वहां प्रभावी जय आदिवासी युवा शक्ति 'जयस" के संरक्षक व कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा से पार्टी को चुनाव में संगठन का समर्थन देने का एलान करा चुकी है
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