Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2024

जल जमाव,जलवायु परिवर्तन से भारी नुकसान व जनहानि के दोषी हम मानवीय जीव हैं

 जल जमाव,जलवायु परिवर्तन से भारी नुकसान व जनहानि के दोषी हम मानवीय जीव हैं  प्लास्टिक कचरा,जल निकासी साधनों को चोक करता है- भयानक परिणाम मानवीय जीव ख़ुद भुगतता है  प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा व सिंगल यूस प्लास्टिक बैन कानूनों नियमों विनियमों का पालन करना हर मानवीय जीव का परम कर्तव्य है-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया  गोंदिया- वैश्विक स्तरपर दुनियां का हर देश जलवायु परिवर्तन व अनेक शहरों नगरों में जल जमाव से बुरी तरह पीड़ित हैं, जिसका समाधान करने के लिए पेरिस समझौते से लेकर अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समस्या का स्थाई हल निकालने पर मंथन होता रहता है।परंतु मेरा मानना है कि इसका स्थाई समाधान हम मानवीय योनि की दिनचर्या बदलने पर निर्भर है,यानें हम अगर प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ उनके अवैध दोहन छोड़ने का संकल्प करें तथा जल जमाव का महत्वपूर्ण कारण सिंगल यूस प्लास्टिक का उपयोग करना छोड़ दें, तो हर देश को जलवायु परिवर्तन व जल जमाव का स्थाई समाधान मिल जाएगा। मैं आज इन दोनों विषयों पर आर्टिकल लिखने का मानस इसलिए बनाया क्योंकि, 31 जुलाई 2024 को मेरे एक व्हाट्सएप ग्रुप में एक पोस्ट आया जिस

कन्या हायर सेकंडरी केसूर के सेवा निवृत्त शिक्षक मणिशंकर परमार को एतिहासिक भाव भीनी बिदाई दी गई।

 कन्या हायर सेकंडरी केसूर के सेवा निवृत्त शिक्षक मणिशंकर परमार को एतिहासिक भाव भीनी बिदाई दी गई।     जब किसी शासकीय शिक्षक की सेवा निवृत्ति पर पूरा समाज मिलकर भावभीनी बिदाई देता है तो उसका सेवाकाल धन्य हो जाता है। जिलाधीश प्रियंक मिश्र--- केसूर कन्या हायर सेकंडरी स्कूल के उर्जावान कर्तव्य निष्ठ सहायक शिक्षक मणिशंकर परमार की सेवा निवृत्ति पर संस्था, ग्राम पंचायत केसूर,परमार परिवार व ग्राम के गणमान्य नागरिकों के संयुक्त तत्वावधान में एतिहासिक बिदाई समारोह का आयोजन शाला प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच फूलसिंह वर्मा ने की। मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष सरदार सिंह मेड़ा विशेष अतिथि राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त राजेश अग्रवाल,जिलाधीश प्रियंक मिश्र,एस पी महोदय मनोज कुमार सिंह,सहायक आयुक्त बृजकांत शुक्ला, पूर्व मंत्री पिछड़ा वर्ग आयोग स्वामी योगेन्द्र भारती,जनपद धार सीईओ मारीशस शिंदे, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज सोमानी, बदनावर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि शेखर,संकुल प्राचार्य डी एस चौहान,संस्था के प्राचार्य पवन मालवीय, बीआरसी भरत राठौर , एसीपी कमलसिंह ठाकुर, थे।  दीप प्रज्ज्वलित कर

प्राइवेट फैमिली ट्रस्ट के द्वारा करें अपनी संपत्ति की सुरक्षा और उत्तराधिकार की व्यवस्था

 प्राइवेट फैमिली ट्रस्ट के द्वारा करें अपनी संपत्ति की सुरक्षा और उत्तराधिकार की व्यवस्था संपत्ति की व्यवस्था एवम बंटवारे के लिए दो तरीक़ों का इस्तेमाल किया जाता है, एक वसीयत और दूसरा प्राइवेट ट्रस्ट. जहां ज़्यादातर लोग वसीयत से वाकिफ़ हैं, वहीं बहुत कम लोग ही प्राइवेट या फैमिली ट्रस्ट के बारे में जानते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में एंटरप्रेनरशिप की बढ़ती तादाद और परिवारों में संपत्ति के बढ़ते मसलों को देखते हुए फैमिली ट्रस्ट काफ़ी लोकप्रिय हो रहा है. क्या है ये ट्रस्ट और क्या हैं इसके फ़ायदे… आइए, जानते हैं. *क्या है प्राइवेट फैमिली ट्रस्ट?* परिवार के सदस्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके सुरक्षित भविष्य के लिए संपत्ति के बंटवारे का यह एक बेहतरीन तरीक़ा है. यह ख़ासतौर से बिज़नेस से जुड़े परिवारों के लिए फ़ायदेमंद साबित होता है, क्योंकि वहां आय और व्यय के साधन कई और अलग-अलग लोगों में बंटे होते हैं. - यहां आपको एक ट्रस्ट बनाना होता है, जिसमें आप अपने परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति का बंटवारा करते हैं. - जब कोई व्यक्ति अपने जीवनकाल में ट्रस्ट बनाता है, तो उसे ‘लिविंग ट्रस्ट’ कहते हैं, जबकि

समाज़ सेवा हो तो ऐसी..सेवादारी मंडल जैसी...

 समाज़ सेवा हो तो ऐसी..सेवादारी मंडल जैसी...  ऐसी सेवा,जो मानव की मृत्यु होने पर उसकी बॉडी से लेकर..पूरे क्रियाकर्म व अंतिम  संस्कार तक  सेवादारी मंडल के सेवादारियों को सैल्यूट-1981 में मंडल के गठन से लेकर आज तक प्रचार पद मैं मैं का स्वार्थ व मोह नहीं देखा -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया  गोंदिया- वैश्विक स्तरपर सेवा एक ऐसी क्रिया है जिसके रूप अनेक हैं,परंतु मंजिल एक ही है,कि सृष्टि के प्राणियों को उनके स्तर की परेशानियों,दिक्कतों, समस्याओं से बचाना। यह सेवा कोई अकेले, परिवार, चार दोस्तों से मिलकर या फिर संस्था समिति संगठन या पार्टी बनाकर की जाती है,जो भारत में तो आदि अनादि काल से हो रही है। परंतु वक्त के बदलते पहिए के साथ सेवा करने का ट्रेंड भी बदला हुआ दिख रहा है।मेरा मानना है कि इस सेवा में अब कुछ हद तक स्वार्थ भी घुस गया है, यानें उसे सेवा के पीछे छिपी एक निजी स्वार्थ की कड़ी भी होती है। मैंने देखा जैसे कोई प्राकृतिक संपदा,रेती,बजरी गिट्टी, मुरूम इत्यादि सप्लाई का कार्य करते हैं,स्वाभाविक है इसमें वन टू का फोर वाला गेम होता है, उसमें कोई बढ़ती सेवा समिति बनाकर संस्थापक बन जात

टोक्यो में क्वाड विदेशमंत्रीय सम्मेलन का सफ़ल आगाज़

 टोक्यो में क्वाड विदेशमंत्रीय सम्मेलन का सफ़ल आगाज़  क्वाड एक बातचीत की दुकान नहीं,बल्कि व्यावहारिक परिणाम उत्पन्न करने का मंच है  विश्व की भलाई करने की क्वाड की प्रतिबद्धता की गूंज दूर तक सुनाई देने का संकल्प सराहनीय -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया  गोंदिया - वैश्विक स्तरपर दुनियां में अनेक समन विचारधारा साझा हित, विश्व कल्याण, मानवीय हित आपसी सहयोग, मजबूत राजनीतिक समझ, आर्थिक साझेदारी, प्रौद्योगिकी सहयोग से कुछ देश आपसी संगठन बनाकर मानवीय कल्याण में एक और एक ग्यारह बन जाते हैं तो,सभी सदस्य देशों को अपने-अपने स्तरपर इसका दूरगामी लाभ होता है। जैसे 27 देश कायूरोपीय संघ, 55 देश का अफ्रीकी संघ, 57 देश का इस्लामिक सहयोग संगठन, 7 देश का जी7, 21 देशों का जी2, 8 देश का शंघाई  सहयोग संगठन, 10 देश का आसियान व चार देशों का क्वाड, सहित सारी दुनियां में अनेकों ऐसे संगठन हैं जो प्रतिवर्ष अपना शिखर सम्मेलन, बैठक आयोजित करते हैं।आज हम इस विषय पर बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सोमवार 29 जुलाई 2024 को टोक्यो में देर शाम समाप्त भारत, ऑस्ट्रेलिया,अमेरिका व जापान इन चार देशों के बने हुए क्वाड संगठन के

केंद्रीय बज़ट 2024-कैपिटल गेन परसेंट लाभ देकर इन्वेस्टर्स को जोर का झटका धीरे से!

 केंद्रीय बज़ट 2024-कैपिटल गेन परसेंट लाभ देकर इन्वेस्टर्स को जोर का झटका धीरे से!  बज़ट 2024-इंडेक्सेशन व्यवस्था खत्म-प्रॉपर्टी और सोनें में इन्वेस्ट करने वालों को ज़ोर का झटका  बज़ट 2024 में रियलस्टेट व सोने में इन्वेस्ट करने वालों को बाहर से खुश कर,अंदर से जोरदार झटका -इंडेक्सेशन समाप्त कर टैक्स का फ़टका-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया  गोंदिया - वैश्विक स्तरपर 23 जुलाई 2024 को घोषित हुए बजट पर पूरे दुनियां की नज़रें लगी हुई थी क्योंकि भारत में विनियोग करने वाले हर व्यक्ति को बजट में अपना लाभ ढूंढने की फितरत थी, यह होना भी चाहिए क्योंकि हर देश अपने बजट के माध्यम से इन्वेस्टर को आकर्षित करताहै परंतु मैं कर विशेषज्ञ होने के अहमियत से करीब 25 वर्षों से बजट पर नजर रखता हूं व विश्लेषण करता हूं। बजट में अनेक प्रोविजंस ऐसे होते हैं जो मोटे तौर पर हमें बहुत फायदा मिलता हुआ दिखता है, परंतु अगर हम उस संशोधित प्रोविजंस के अंदर जाकर उसका विश्लेषण करने जाएंगे तो फिर असलियत का पता चलता है, जो 23 जुलाई 2024 को मोटे तौर पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के 20 पर्सेंट टैक्स को घटकर 12.5 पर्सेंट किया गया था

टोल माफियाओं की मनमानी से वाहन चालकों में रोष, नहीं हो रहा है केंद्र सरकार के आदेशका पालन

टोल माफियाओं की मनमानी से वाहन चालकों में रोष, नहीं हो रहा है केंद्र सरकार के आदेशका पालन  बड़ी खबर:-  आपके घर से 60 किमी के भीतर किसी भी टोल बूथ पर कोई टोल शुल्क देय नहीं है।   इसके लिए आपको अपने आधार कार्ड से गुजरना होगा।   कृपया इसे आगे फॉरवर्ड करें और लोगों को जानकारी देने का काम करें..    यह केंद्र सरकार का आदेश है.      विश्वसनीय सूत्रों की माने तो अभी भी कई टोल बूथों पर केंद्र सरकार के आदेश की सरे आम धज्जियां उड़ाई जा रही है टोलमाफियाओं के खिलाफ शासन प्रशासनको सख्त कदम उठाने की जरूर है ।

भारतवंशी कमला हैरिस बनाम डोनाल्ड ट्रंप-सर्वे में कांटे की टक्कर?

 भारतवंशी कमला हैरिस बनाम डोनाल्ड ट्रंप-सर्वे में कांटे की टक्कर?  भारतीयों पर पहले विदेशी राज करते थे,अब शक्तिशाली देशों का नेतृत्व भारतीय कर रहे हैं  कमला हैरिस की जड़ें भारतीय परंपराओं से जुड़ी है- पूर्वजों के गांव थुलसेन्द्रपुरम में मिठाइयां बांटकर खुशियों के इजहार में भारतीयता की झलक सराहनीय -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया  गोंदिया - वैश्विक स्तर पर पूरी दुनियां में बदलते राजनीतिक परिपेक्ष की चपेट में अनेक देश आ चुके हैं, तो कुछ देश बाल बाल बच गए हैं। या दूसरे शब्दों में कहें तो अनेक देशों की सत्ता बदल गई है जिसमें ब्रिटेन नेपाल ईरान सहित कुछ देश है, तो भारत में भी सरकार बनाने के लिए बैसाखियों का सहारा लेना पड़ा है, जिसका असर हमने बजट 2024 में भी दो राज्यों को बजट एलोकेशन की बौछार के रूप में देखें।यह विषय आज हम इसीलिए उठा रहे हैं, क्योंकि दिनांक 27 जुलाई 2024 को देर शाम भारतवंशी अमेरिकी राष्ट्रपति कमला हैरिस ने 5 नवंबर 2024 को अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी के लिए नामांकन भर दिया है, जिसके बारे में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओखा ओबामा व उसकी पत्नी ने डेमोक्

सोशल मीडिया पर ट्रंप के बयान से पूरी दुनियां में हड़कंप

 सोशल मीडिया पर ट्रंप के बयान से पूरी दुनियां में हड़कंप  ईरान ने ट्रंप पर हमले की साजिश में शामिल होने के दुर्भाग्यपूर्ण आरोप को खारिज़ किया था  दुनियां के सभी देशों को आपसी नफ़रतें प्रतिशोध युद्ध दुर्भावना पूर्ण आरोप प्रत्यारोप को त्यागकर भाईचारे की नीति अपनाना समय की मांग-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया  गोंदिया - वैश्विक स्तरपर सारी दुनियां देख रही है कि एक ओर जहां ब्रिटेन ईरान नेपाल सहित कुछ देशों में सरकारें बदल गई है तो वहीं भारत में भी बैसाखियों वाली सरकार से काम चल रहा है, तो दूसरी ओर कुछ देशों में आपसी विवादों से यूक्रेन-रूस हमास-इजरायल युद्ध लंबे समय से चल रहा है, जिसमें ईरान सहित कुछ देश कूद चुके हैं जिससे दुनियानी तीन खेमों में बट गई है, यूरोपीय यूनियन संघ अफ्रीकी यूनियन व 57 देश की इस्लामी यूनियन सहित गुटबाज़ी हो गई है, तो रूस का साउथ कोरिया दौरा व भारत का रूस दौरा भी विश्व की सुर्खियों में आया तो, कुछ देशों की बांछे खिल उठी, तो कुछ देशों ने नजरें तरेर ली। ऐसी स्थिति में यदि किसी देश में कोई बड़ी घटना होती है तो, सीधे तौर पर उंगली अपने विरोधी ग्रुप पर उठ जाती है, क्यो

Bhu Aadhaar ULPIN: अब आपकी जमीन का भी बनेगा आधार कार्ड,जानिए भू-आधार और इसके फायदे

 Bhu Aadhaar ULPIN: अब आपकी जमीन का भी बनेगा आधार कार्ड,जानिए भू-आधार और इसके फायदे केंद्र सरकार (Central government) ने आम बजट-2024 (General Budget-2024) में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भूमि सुधार को लेकर अहम कदम उठाएं हैं। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए विशिष्ट पहचान संख्या या ‘भू-आधार’ और सभी शहरी भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण (Digitization of Land Records) का प्रस्ताव रखा है। सरकार अगले तीन वर्षों के भीतर इन भूमि सुधारों को पूरा करने के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। भू-आधार से जमीन का मालिकाना हक स्पष्ट होगा और भूमि से जुड़े विवाद भी खत्म होंगे। *क्या है भू-आधार* इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की सभी भूमि को 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्‍या मिलेगी, जिसे भू-आधार (ULPIN) के नाम से पहचाना जाता है। इसमें भूमि की पहचान संख्‍या के साथ सर्वे, मानचित्रण व स्‍वामित्‍व और किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इससे कृषि ऋण मिलने में आसानी होगी और अन्य कृषि सेवाओं में भी सुविधा होगी। गौरतलब है कि सरकार ने यह महत्वाकांक्षी परियोजना भारत के भूमि अभिलेखों को डिजिटल बनान
पीर पिपलिया चौराहे पर शहिद परिवार एवं सेवानिवृत्ति सैनिकों के साथ मनाया कारगिल विजय दिवस शहीद मोहनसिह सुनेर के पुत्र विनोद और सेवानिवृत्ति सैनिकों का किया सम्मान सैनिकों ने सुनाई शौर्य गाथाएं, देश भक्ति से भाव विभोर हुए ग्रामीण भारत माता जय, हिंदुस्तान अमर रहे का जय घोष बेटमा - कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में पीर पिपलिया चौराहे  अमर शहीद मोहन सिंह जी सुनेर प्रतिमा स्थल पर आज नजारा शोर  उत्साह ओर देशभक्ति से भरपूर था । ग्रामीण ने उत्साह और भरपूर जोश के साथ शहीद सैनिक के पुत्र विनोद सिंह और दो अन्य सेवानिवृत शिक्षकों का सम्मान कर देश सेवा के उनके जज्बे को प्रणाम किया। क्षेत्र के ऊर्जावान , सक्रिय समाजसेवी, भाजपा मंडल अध्यक्ष मलखान सिंह पवार सांगवी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर में इंदौर अहमदाबाद रोड स्थित पीर पिपलिया चौराहे पर अमर शहीद मोहन सिंह सुनेर प्रतिमा स्थल पर वृद्ध कार्यक्रम का आयोजन कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष में किया गया। आयोजन में सबसे प्रमुख बात यह रही की  सेवानिवृत सैनिक विजय यादव, अनूप सिंह तोमर एवं एक अन्य सैनिक का सम्मान किया गया।  सैनिकों की याद में हुए आयोजन में शहीद मोहन