जल जमाव,जलवायु परिवर्तन से भारी नुकसान व जनहानि के दोषी हम मानवीय जीव हैं प्लास्टिक कचरा,जल निकासी साधनों को चोक करता है- भयानक परिणाम मानवीय जीव ख़ुद भुगतता है प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा व सिंगल यूस प्लास्टिक बैन कानूनों नियमों विनियमों का पालन करना हर मानवीय जीव का परम कर्तव्य है-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया गोंदिया- वैश्विक स्तरपर दुनियां का हर देश जलवायु परिवर्तन व अनेक शहरों नगरों में जल जमाव से बुरी तरह पीड़ित हैं, जिसका समाधान करने के लिए पेरिस समझौते से लेकर अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समस्या का स्थाई हल निकालने पर मंथन होता रहता है।परंतु मेरा मानना है कि इसका स्थाई समाधान हम मानवीय योनि की दिनचर्या बदलने पर निर्भर है,यानें हम अगर प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ उनके अवैध दोहन छोड़ने का संकल्प करें तथा जल जमाव का महत्वपूर्ण कारण सिंगल यूस प्लास्टिक का उपयोग करना छोड़ दें, तो हर देश को जलवायु परिवर्तन व जल जमाव का स्थाई समाधान मिल जाएगा। मैं आज इन दोनों विषयों पर आर्टिकल लिखने का मानस इसलिए बनाया क्योंकि, 31 जुलाई 2024 को मेरे एक व्हाट्सएप ग्रुप में एक पोस्ट आया जिस