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दीपावली 2024 की बेला आई - भक्तों नें मन्नत सुनाई-हे मां लक्ष्मी,दरिद्रता-ग़रीबी हरो-धन की बारिश करो

 दीपावली 2024 की बेला आई - भक्तों नें मन्नत सुनाई-हे मां लक्ष्मी,दरिद्रता-ग़रीबी हरो-धन की बारिश करो

आओ सभी मिलकर अपने परिवार,समाज,देश के लिए सुख समृद्धि धन-धान्य भरपूर करने की स्तुति करें-पटाखों संबंधी सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करें


लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी अपनी कृपा दृष्टि बरसाने निकली है, जिसपर नज़र पड़ी उसकी किस्मत निहाल धन धान्य से मालामाल,ऐसी मान्यता है -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनाना गोंदिया महाराष्ट्र 

गोंदिया - भारत सहित पूरी दुनियाँ में पौराणिक काल से भारतीयों के बीच ऐसी मान्यता है कि जो मां लक्ष्मी के सामने दिल से भावपूर्ण भाव से अपनी मनोकामना रखेगा  मां लक्ष्मी उन शुद्ध निस्वार्थ ईमानदार भावों पर अपनी कृपा दृष्टि ज़रूर बरसाती है और उनकी दरिद्रता गरीबी हर लेती है,व धन-धान्य की बारिश करती है जिसका सटीक दिन दीपावली और पल या क्षण लक्ष्मी पूजा है।इस बार दीपावली की तारीख को लेकर दुनियाँ भर में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दीपावली मनाए जाने का विधान है। कुछ लोगों द्वारा 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जा रही हैं तो, तो कुछ का कहना है कि दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाएगी। देशभर के विद्वान और ज्योतिषाचार्य ने दीपावली पर्व के निर्धारित तिथि को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने पंचांग के मुताबिक पर्व की तारीख भी बताई है।अनेक शहरों में इस बार दिवाली दो दिन मनाई जा सकती है। सरकारी दफ्तरों में छुट्टी 31 अक्टूबर को है, जबकि बड़े मंदिरों में दिवाली एक नवंबर को मनाई जाएगी, जिससे लोग भ्रमित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि छुट्टी 31 अक्टूबर को है, इसलिए पर्व भी उसी दिन मना रहें हैँ। जानकारों ने बताया कि दिवाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है, जो 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे से शुरू होगा। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन संध्या काल में किया जाता है। एक नवंबर को अमावस्या सुबह सवा छह बजे तक ही है, इसलिए इसके बाद लक्ष्मी पूजन नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि दिवाली 31 अक्टूबर को मनाना शुभ है।आचार्य शास्त्रियों के यह विचार मीडिया में प्रकाशित हो रहे हैं। चूँकि दीपावली मनाने के साथ हमें वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए केंद्र व राज्यसरकारों द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना भी ज़रूरी है इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,आओ सभी मिलकर अपने परिवार, समाज, देश के लिए सुख समृद्धि धन-धान्य भरपूर करने की स्तुति करें - पटाखों संबंधी सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करें। 

साथियों बात अगर हम दीपावली के पावन पर्व पर भारत में आम से लेकर खास व्यक्तियों में उत्साहित भावपूर्ण माहौल की करें तो धनतेरस के दिन से ही जोरदार खरीदी शुरू कर दी थी। दीपों का त्योहार दीपावली नगर व आसपास के गांवों में बड़ी धूमधाम से मनायाजा रहा हैँ। दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में बाजारों में चहल-पहल व भारी भीड़ रही, वहीं लोगों ने मिठाइयां व चाइनिज लड़ियों की जमकर खरीदारी की। बाजार दुल्हन की तरह सजे हुए थे। लोगों ने पटाखे, मिठाइयां, लड़ियां, मोमबतियां जमकर खरीदी। आधुनिकता की चकाचौंध के चलते मिट्टी के बर्तन बनाने वाले प्रजापति समाज के लोगों के दिये की बिक्री इस बार और भी जोरदार रही।जिसे लेकर प्रजापति समाज के लोगों में खुशी ही रही। सांय के समय लोग दीपावली पूजन के दौरान लक्ष्मी, गणेश की पूजा कर घर में सुख शांति की कामना करेंगे । आसपास के गांवों में दीपावली पर्व धूमधाम से मनाया गया। बाजारों में सुबह से लेकर देर शाम तक लोगों की भारी भीड़ उमड़ी हुई रही और हर दुकान पर खरीदारी करने वाले लोगों का हजूम उमड़ रहा था। लोगों ने जमकर खरीदारी की। बच्चों व युवाओं ने जमकर आतिशबाजी की और आसमान रंगबिरंगी आतिशबाजी से चमक रहा था। दीपावली के चलते लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी और मिठाइयां बांटी। लोगों ने अपने घरों में रंगबिरंगी लाइटें व दीप जलाए हुए थे और शाम को भगवान श्रीगणेश व माता लक्ष्मी जी की विधिवत रूप से पूजा अर्चना की। 

साथियों बात अगर सरयू घाट यूपी में 28 लाख दिए जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने की करें तो, रामनगरी के दीपोत्सव में मंगलवार को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की 30 सदस्यीय टीम घाटों पर पहुंचकर दीयों की गिनती की,यूपी सीएम के निर्देश पर विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन के सहयोग से सरयू घाट पर 30 अक्टूबर को सायं हुए दीपोत्सव के लिए पूरी ताकत लगा दी। दीपोत्सव के लिए चारों स्थलों को 55 घाटों में विभक्त किया गया है। कुल 28 लाख दीपकों को सजाया है। वहीं पूरे अयोध्या की बात करें तो करीब 35 लाख से अधिक दीये जलाने की सम्भावना है। रिकॉर्ड प्रयासों के अंतिम परिणाम 30 अक्टूबर को दीयों के प्रज्वलन के बाद घोषित किए। 

साथियों बात अगर हम केंद्री व राज्य सरकारों द्वारा वायु प्रदूषण को रोकने पटाखों कों जलाने संबंधी दिशा निर्देशों के पालन करने की करें तो, दिल्ली महाराष्ट्र पंजाब हरियाणा तमिलनाडु सहित अनेक राज्यों ने दिशा निर्देश चल जारी किए हैं रात्रि 10 के बाद ध्वनि प्रदूषण वाला आदेश माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही जारी है (1) दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आदेश ने 1 जनवरी, 2025 तक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सभी प्रकार केपटाखों के निर्माण भंडारण बिक्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से वितरण और फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस दौरान केवल ग्रीन पटाखों को ही चलाने की अनुमति है। दीपावली (31 अक्टूबर, 2024) को रात 8 बजे से 10 बजे तक पटाखे चलाने की अनुमति होगी।अगर हम दिल्ली में बैन के बावजूद पटाखे फोड़ते हैं, तो पकड़े जाने पर हमारे खिलाफ़ कार्रवाई की जा सकती है,हम पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है, तो वहीं 6 महीने की जेल की सजा दी जा सकती है।(2) पंजाब की सरकार ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पटाखों को पूरी तरह से बैन कर रखा है। हालांकि दिवाली वाले दिन रात 8 बजे से 10 बजे तक पटाखे फोड़ने दिए जाएंगे।(3) हरियाणा के गुरुग्राम में दीपावली की रात को ग्रीन पटाखों को छोड़कर, सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। बुधवार को जारी आदेश में निर्दिष्ट किया गया है कि केवल ग्रीन पटाखे ही चलाए जाएंगे, जो कि विशिष्ट त्योहारों के दौरान उपयोग किए जा सकते हैं।(4) बिहार सरकार ने राज्य के 4 शहरों में पटाखे जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दिया है। इस साल पटाखे जलाने की अनुमति नहीं दी गई है उनमें राजधानी पटना, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और गया शामिल है। इन शहरों में पटाखों की बिक्री का लाइसेंस भी जारी नहीं किया गया है। अगर कोई व्यक्ति चोरी छिपे पटाखों की बिक्री करता पाया जाता है तो उसके खिलाफी सख्त कार्रवाई की जाएगी।(5) महाराष्ट्र और (6) पश्चिम बंगाल ने भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के तहत केवल ग्रीन पटाखों को ही फोड़ने की आजादी होगी। ये ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में 30 प्रतिशत कम प्रदूषण फैलाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। बीएमसी मुंबई गाइडलाइंस के अनुसार, मुंबईवासी रात10 बजे के बाद पटाखे नहीं फोड़ सकते इसके अलावा,कम पटाखेजलाने की भी अपील की जा रही है। साथ ही कहा गया है कि पटाखे खुले इलाकों में फोड़े जाने चाहिए, गलियों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं।पटाखे भी यथासंभव कम से कम फोड़ने चाहिए, जिससे वायु और ध्वनि प्रदूषण को कुछ हद तक कम किया जा सके। पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों,अस्थमा ग्रसित लोगों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर रखने के लिए बीएमसी की गाइडलाइंस का ध्यान रखना जरूरी है।वहीं, प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम प्रशासन इस प्रकार अपील कर रहा है-(1) दिवाली रोशनी का त्योहार है. इसे प्रकाश के साथ मनाने को प्राथमिकता देकर ध्वनि और वायु प्रदूषण से बचें (2) ध्वनि रहित पटाखों के प्रयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए (3) ऐसे पटाखे फोड़ने चाहिए जिनसे कम से कम वायु प्रदूषण हो (4) रात 10 बजे तक ही पटाखे फोड़ें (5) वरिष्ठ नागरिकों और हृदय रोगियों के प्रति जिम्मेदारी समझते हुए तेज आवाज वाले पटाखे जलाने से बचें (6) सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी जाए (7) पटाखे फोड़ते समय सूती कपड़े पहनने चाहिए,ढीले (बड़े) कपड़ों का प्रयोग न करें (8) पटाखे खुली जगह पर ही जलाने चाहिए। (9) भीड़-भाड़ वाली जगहों, गलियों में पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए।(10) पटाखे फोड़ते समय बच्चों के साथ बड़े लोगों होना जरूरी है।(11)पटाखे फोड़ते समय सुरक्षा की दृष्टि से बाल्टी में पानी, रेत आदि भरकर रखें (12)पटाखे जलाते समय सूखे पत्ते, कागज या अन्य कोई सामग्री नहीं जलानी चाहिए।

 अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दीपावली 2024 की बेला आई - भक्तों नें मन्नत सुनाई -हे मां लक्ष्मी दरिद्रता  गरीबी हरो - धन की बारिश करो।आओ सभी मिलकर अपने परिवार, समाज देश के लिए सुख समृद्धिधन धान्य भरपूर करने की स्तुति करें-पटाखों संबंधी सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करें।लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी अपनी कृपा दृष्टि बरसाने निकली है, जिसपर नज़र पड़ी उसकी किस्मत निहाल धन धान्य से मालामाल,ऐसी मान्यता है।


*-संकलनकर्ता लेखक - क़र विशेषज्ञ स्तंभक़ार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र*

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