विश्व नारियल दिवस 2 सितंबर 2025- मानव स्वास्थ्य, संस्कृति और वैश्विक समृद्धि का प्रतीक गणेश पूजा में नारियल अनिवार्य होता है,क्योंकि यह विघ्नहर्ता के आशीर्वाद का प्रतीक है। विश्व नारियल दिवस केवल एक कृषि पर्व नहीं है,बल्कि यह स्वास्थ्य, संस्कृति, पर्यावरण और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ा एक आंदोलन बन चुका है-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र गोंदिया - वैश्विक स्तरपर प्रकृति ने मानव को अनेक उपहार दिए हैं, जिनमें पेड़-पौधे, फल-फूल और जल हमारे अस्तित्व का आधार हैं। इन्हीं उपहारों में नारियल एक ऐसा फल है जिसे "जीवन वृक्ष" कहा जाता है। यह केवल एक खाद्य पदार्थ ही नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवन के लिए उपयोगी संसाधन है। नारियल का पेड़, उसका फल,जटा, पत्तियाँ, लकड़ी,सब कुछ मानव सभ्यता को पोषण, आश्रय, औषधि और रोजगार प्रदान करता है।आज मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र यह बातें इसलिए कर रहा हूं क्योंकि नारियल के महत्व को रेखांकित करने के लिए हर वर्ष 2 सितंबर 2025 को "विश्व नारियल दिवस" मनायाजा रहा है। 2009 में एशिया-प्रशांत नारियल समुदाय के गठन के ...