सुबोध विजय साइकिल से शक्ति, संकल्प और सफर की थीम पर 2027 में पहुंचेंगे माउंट एवरेस्ट :-
' पीएम कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस झाबुआ में किया गया सुबोध विजय का स्वागत '
' प्रकृति से प्रेरणा लेकर 28 राज्यों से गुजरेंगे '
' पौधारोपण करके महाविद्यालय के विद्यार्थियों को दी सबसे अलग करने की प्रेरणा '
13 जनवरी सन 1999 को रोहा जिला रायगढ़, महाराष्ट्र में जन्मे सुबोध विजय ने प्रकृति से प्रेरणा लेकर शक्ति, संकल्प और सफर की थीम पर 19 जून 2024 को उमलिगंला लद्दाख से साइकिल से नेपाल के माउंट एवरेस्ट शिखर पर जून 2027 तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अपनी यात्र के दौरान ही उन्होंने एक लाख पौधे लगाने का भी संकल्प लिया है। सुबोध विजय ने बीबीए की पढ़ाई आईएचएम बैंगलोर से सन 1999 में पूरी की है।
इसी कड़ी में साइकिल से शनिवार को झाबुआ से गुजरने पर सुबोध विजय का प्रधानमंत्री कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस शहीद चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ की प्रभारी प्राचार्य डॉ. संजू गांधी, प्रशासनिक अधिकारी डॉ. रविन्द्र सिंह, एसडीएम भास्कर गाचले,नायब तहसीलदार सुनील डावर, महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक जेएस भूरिया, डॉ. बीएल डावर, डॉ. राजू बघेल, डॉ. एलएस ब्राह्मणे, प्रो. शंकरलाल खरवाडिया आदि सहित बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों ने उनका स्वागत किया।
सुबोध विजय ने महाविद्यालय में संबोधित करते हुए बताया कि उन्होंने अब तक जम्मू-कश्मीर, लेह - लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उप्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और 28 जून 2025 को नीमच मध्य प्रदेश में प्रवेश किया था। अब तक 40 हजार 90 किमी की उनकी यात्रा 452 दिन में पूरी हो गई है। वे देश के 28 राज्यों से गुजरेंगे। उन्होंने मानव द्वारा निर्मित प्लास्टिक के नुकसान का सबसे अधिक जिक्र किया। प्लास्टिक को खुले में फैंकने के कारण खासकर बेजुबान जानवरों के खाने से होने वाले नुकसान को उन्होंने विस्तारपूर्वक समझाया।
प्रधानमंत्री कॉलेज एक्सीलेंस झाबुआ में उन्होंने सभी के साथ पौधारोपण किया और उनकी देखभाल करने और प्रकृति के प्रति ईमानदार रहने का सभी को संदेश दिया। उनका एकमात्र उद्देश्य देश के युवाओं को प्रेरणा देना है। उन्होंने कहा कि हम मैदानी स्तर पर जो प्रदूषण करते हैं, उसका खामियाजा हिमालय को और हमारी धरती मां को भुगतना पड़ रहा है। साइकिल यात्रा में वे विश्व रिकॉर्ड भी बना चुके हैं।
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