प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर लाखों ‘Silent Nayak’ का होगा सम्मान,
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘चलो जीते हैं’ की स्क्रीनिंग के बाद
जय सिंह रघुवंशी
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्म “चलो जीते हैं” स्वामी विवेकानंद के उस विचार को समर्पित है— “बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं।” 2018 में रिलीज़ हुई यह फिल्म देशभर की सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली और सराही गई लघु फिल्मों में से एक है। अब इसका विशेष पुनः-प्रदर्शन 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक लाखों स्कूलों और लगभग 500 सिनेमाघरों में किया जाएगा।
युवाओं को नई दिशा
बच्चों और युवाओं को यह सिखाने के लिए कि जीवन केवल अपने लिए नहीं बल्कि समाज और दूसरों के लिए भी जीना चाहिए, ‘चलो जीते हैं: सेवा का सम्मान’ नाम की पहल शुरू की जा रही है। इस पहल में स्कूलों और समाज के उन ‘Silent Nayak’ को सम्मानित किया जाएगा— जैसे चौकीदार, सफाईकर्मी, ड्राइवर, चपरासी और अन्य सहयोगी— जो चुपचाप हमारे जीवन और व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाते हैं।
इनका सम्मान समारोह, फिल्म देखने के बाद छात्रों और Silent Nayak दोनों की मौजूदगी में होगा।
स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि
इस पहल से स्वामी विवेकानंद की विचारधारा को नई पीढ़ी तक और गहराई से पहुँचाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन की एक घटना से प्रेरित यह फिल्म छोटे नारू की कहानी है। नारू विवेकानंद के विचार से प्रभावित होकर समझने की कोशिश करता है कि “दूसरों के लिए जीना ही असली जीवन है” और वह अपने छोटे से संसार में बदलाव लाने की कोशिश करता है।
राष्ट्रव्यापी असर
फिल्म के निर्माता महावीर जैन ने कहा— “यह आंदोलन बहुत गहरा संदेश देता है। यह लाखों-करोड़ों युवाओं को हर काम और हर इंसान का सम्मान करने के लिए प्रेरित करेगा। निःस्वार्थ सेवा, सहानुभूति और देश के प्रति कर्तव्य ही असली मूल्य हैं— और यही हमारे प्रधानमंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
उन्होंने आगे कहा— “इस फिल्म के ज़रिए हम युवाओं के दिलों में उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने और समाज के लिए सकारात्मक योगदान देने की भावना जगाना चाहते हैं।”
फिल्म को पहले ही सराहना मिल चुकी है और इसे सर्वश्रेष्ठ पारिवारिक मूल्यों पर आधारित गैर-फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। स्कूलों में इसका विशेष प्रदर्शन बच्चों तक यह संदेश पहुँचाएगा और उन्हें उद्देश्यपूर्ण जीवन अपनाने की प्रेरणा देगा।
“चलो जीते हैं” का निर्देशन मंगेश हाडवाले ने किया है और इसे आनंद एल. राय व महावीर जैन ने प्रस्तुत किया है। फिल्म का यह पुनः-प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन और स्वामी विवेकानंद की प्रेरणादायी विचारधारा को समर्पित है।
यह फिल्म देशभर में लगभग 500 सिनेमाघरों— जैसे पीवीआर-आईनॉक्स, सिनेपोलिस, राजहंस, मिराज और अन्य में प्रदर्शित होगी। लेखराज जोगी
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