बेटमा।
संत निरंकारी मिशन के सद्गुरु बाबा हरदेव सिंहजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में रविवार को उनके अनुयायियों द्वारा स्थानीय सरकारी अस्पताल में सफाई अभियान चलाया |
संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन सागौर कुटी ब्रांच के 50 से अधिक सदस्यों ने सफाई करते हुए अस्पताल की रंगत ही बदल दी। सफाई के बाद अस्पताल भवन व परिसर चमक रहा था। सफाई अभियान सुबह आठ बजे से शुरू हुआ और दोपहर एक बजे तक चला। इस दौरान सेवादारों ने पहले तो नए व पुराने अस्पताल भवन की तल मंजिल से लेकर छत तक एवं मैदान, डस्टबिन, बाथरूम आदि की सफाई की। अस्पताल के फर्श व दीवारों पर लगी टाइल्स को पानी से धोकर देखते ही देखते कुछ ही घंटों में अस्पताल की रंगत बदल दी। सफाई के दौरान अस्पताल से तीन गाड़ी कचरा इकट्ठा हुआ, जिसे उठाकर स्वच्छता वाहन से बाहर फिंकवाया गया। पार्षद गोविंद मंडलोई व दिलीप चौधरी का सराहनीय योगदान रहा |
सफाई कार्य में जुटे सेवादारों ने चर्चा में बताया कि अस्पताल में काफी गंदगी थी और दीवारें व फर्श पान-गुटखे की पीक थूक देने से लाल हो रही थी, जिसे उनके द्वारा साफ कर दिया गया है। अस्पताल पुनः गंदा न हो, इसके लिए मरीजों के साथ-साथ अस्पताल स्टाफ को जागरूक होना पड़ेगा। सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीज या उनके परिजन जो पान-गुटखा खाकर कहीं भी थूकते या अन्य सामग्री फेक देते हैं, उनसे अस्पताल को जुर्माना वसूलना चाहिए। अगर अस्पताल को गंदा करने वाले मरीजों में डर व्याप्त नहीं किया गया तो अस्पताल पुनः पहले जैसा गंदा हो जाएगा।
संत निरंकारी मिशन के सद्गुरु बाबा हरदेव सिंहजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में रविवार को उनके अनुयायियों द्वारा स्थानीय सरकारी अस्पताल में सफाई अभियान चलाया |
संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन सागौर कुटी ब्रांच के 50 से अधिक सदस्यों ने सफाई करते हुए अस्पताल की रंगत ही बदल दी। सफाई के बाद अस्पताल भवन व परिसर चमक रहा था। सफाई अभियान सुबह आठ बजे से शुरू हुआ और दोपहर एक बजे तक चला। इस दौरान सेवादारों ने पहले तो नए व पुराने अस्पताल भवन की तल मंजिल से लेकर छत तक एवं मैदान, डस्टबिन, बाथरूम आदि की सफाई की। अस्पताल के फर्श व दीवारों पर लगी टाइल्स को पानी से धोकर देखते ही देखते कुछ ही घंटों में अस्पताल की रंगत बदल दी। सफाई के दौरान अस्पताल से तीन गाड़ी कचरा इकट्ठा हुआ, जिसे उठाकर स्वच्छता वाहन से बाहर फिंकवाया गया। पार्षद गोविंद मंडलोई व दिलीप चौधरी का सराहनीय योगदान रहा |
सफाई कार्य में जुटे सेवादारों ने चर्चा में बताया कि अस्पताल में काफी गंदगी थी और दीवारें व फर्श पान-गुटखे की पीक थूक देने से लाल हो रही थी, जिसे उनके द्वारा साफ कर दिया गया है। अस्पताल पुनः गंदा न हो, इसके लिए मरीजों के साथ-साथ अस्पताल स्टाफ को जागरूक होना पड़ेगा। सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीज या उनके परिजन जो पान-गुटखा खाकर कहीं भी थूकते या अन्य सामग्री फेक देते हैं, उनसे अस्पताल को जुर्माना वसूलना चाहिए। अगर अस्पताल को गंदा करने वाले मरीजों में डर व्याप्त नहीं किया गया तो अस्पताल पुनः पहले जैसा गंदा हो जाएगा।
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