रूक्मिणी विवाह की रंगारंग अभिनयात्मक प्रस्तुति ने समां बांधा।
संकटमोचन हनुमान मंदिर सादलपुर में परम पूज्य भागवताचार्य पं पवन जी व्यास के पावन सानिध्य में संगीत मय श्रीमद्भागवत कथा के छ्ठे दिवस प्रसंगानुसार द्वारकाधीश भगवान एवं रूक्मिणी जी के विवाह की रंगारंग प्रस्तुति आदर्श रामायण एवं सांस्कृतिक मण्डल सादलपुर के लोककलाकार रामभरोसे वर्मा, सुभाष जाट,कु कृतिका व्यास ने द्वारकाधीश, अंशिका कैलवा ने रूक्मिणी,लिलित ने बलराम, पुनीत ने रूक्मय्या एवं कु नित्या,चारू,दिशा,रानुने सखियों की भूमिका निभाते हुए रंगारंग प्रस्तुति देकर समां बांध दिया।
बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं की गरिमामय उपस्थिति रही। कथावाचक पं व्यास ने श्रीकृष्ण जी की बाललिलाओं का वर्णन करते हुए गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब श्री कृष्ण भगवान से पूछा गया कि आपने विराट पर्वत को कैसे उठा लिया तो कन्हैया ने कहा कि कुछ बल तो ब्रज के दूध दही माखन से कुछ सखाओं की हिम्मत से तथा ब्रज के नागरिकों के आशिर्वाद से।इन्द्र के अहंकार के मर्दन हेतु यह पुरूषार्थ जरूरी होगया था।इस कथा से हमें यह सीख लेना चाहिए कि हमें कभी भी अहंकार नहिं करना चाहिए वर्ना इन्द्रदेव जैसे हाल होते हैं। संगीत अमित शर्मा, शंकरलाल सोनगरा,उमेश गिरी ने दिया। पतंजलि योग समिति के जिला अध्यक्ष रामभरोसे वर्मा ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया।आनंदीलाल पटेल ने आभार व्यक्त किया।
खोजी नजर न्यूज़ के लिए रणजीत मंडलोई
9827206310/7000493011
Comments
Post a Comment