गरीबों और लाचारों को अनदेखा करते बोहरा मैनेजमेंट........
बोहरा समाज:- पूरी दुनिया में एक विकसित और प्रगतिशील समाज | मगर बेहद अफसोस के साथ सच्चाई बताई जा रही है | कि इंदौर के समाज के मुख्यालय या मस्जिद से चंद कदम की दूरी पर एक मोमिन भाई जिसका नाम हकीमुद्दीन रामपुरा वाला है |जबकि इनके पूर्व रिश्तेदार खोजेमा पेटी वाला इंदौर में ही एम. एस. बी स्कूल में सेक्रेटरी पद पर कार्यरत हैं
2 वर्षों से फुटपाथ की खाक छान रहा है | पत्नी के देहांत के बाद इस भाई से बद्री बाग का मकान खाली करवा लिया गया | शर्म के मारे इन्होंने अपने बच्चों के बारे में नहीं बताया | लेकिन पता चला कि इन की औलाद नीमच या रामपुरा में रहती है | बुरे हालात या बुरी आदत जो भी है यह इनका अंदरूनी मामला है | मगर क्या समाज के कर्ताधर्ताओं का दायित्व नहीं बनता की, पॉश कॉलोनी सैफी नगर के प्राइम लोकेशन फुटपाथ पर एक मोमिन गुजर-बसर कर रहा है |
सोचिए कोरोना कॉल में किस तरह से इस शख्स ने अपने आप को बचाया होगा | यह तो शुक्र मनाएं की पास ही एक डॉक्टर की रहम दिली की वजह से उसको पार्किंग में सोने की मोहलत मिली | और प्रतिदिन लघुशंका के लिए सुलभ कंपलेक्स का सहारा लिया | यह तो एहसान है 52 वे धर्मगुरु सैयदना बुरहानुद्दीन साहब एवं 53 वे धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब का जिनकी बेशुमार नेमतों की वजह से एक कार्य फैज( थाली) इस शख्स को मिलती रही | जिसकी शिफा से यह आज जिंदा है |
वरना पुराने कपड़ों के ढेर ,पुराने बैग से क्या कमाया जा सकता है ? गर्मी की तपन, सर्दी की ठिठुरन और बारिश में जहरीले जीव जंतुओं के बीच रहने वाले इस शख्स पर 2 वर्षों से समाज के किसी भी पदाधिकारी की नजर क्यों नहीं पड़ी ? क्यों उस पर किसी की इनायत नहीं हुई ?अगर उसका परिवार नहीं है | तो क्या समाज में ऐसे लोगों की कदर नहीं है ?समाज के स्वार्थी पदाधिकारी भी मुवासात के नाम पर भी बंदरबांट करते हैं |
ताज्जुब इस बात का है कि जिनके खुद के मकान है, दुकान है ,नौकरी है, और फैज की थाली नहीं लेते उनको मूवासात देते है | है ना !अजीबोगरीब कारनामा | इसमें इनकी शातिरी छुपी रहती है | क्योंकि मुंबई मुख्यालय से गरीबों के लिए भरपूर पैसा आता है | मगर समाज के पदाधिकारियों को किसको कितना देना है? और कितना आपस में बांटना है? यह तय करते हैं | 3 साल पदाधिकारी रहो |करोड़ों के बंगले बनाओ, दुकाने बनाओ, फार्म हाउस बनाओ और गरीबों को नियम कायदे में उलझाते रहो | वरना बंगलो में करोड़ों का इंटीरियर कैसे हो जाता है ? एक जमात का अकाउंटेंट 3 साल में पोश एरिया में फ्लैट कैसे खरीद लेता है ? और यहां का जन्मा इंदौरी बोहरा आज भी हममाली कर रहा है| हमें बोहरा समाज से कोई आपत्ति नहीं | हमें तो बोहरा समाज की जनता की पीड़ा या सच्चाई बतानी है | दूसरी बात सियागंज में भी वहां के पदाधिकारी अंधे और बहरे बनकर बैठे हैं | वहां धर्म के ठेकेदारों को नहीं मालूम कि एक मोमिन बहन दुकानों में जा जाकर पैसे और खाना मांगती है | सैयदना साहब 24 घंटे मोमिन के लिए दुआ करते रहते हैं |रमजान, मोहर्रम और आने वाले सभी त्योहारों पर मोमिनो के लिए अपलिफ्टमेंट का खजाना खोल देते हैं | ऐसा गुरु या रहबर शायद ही किसी कौम को नसीब होगा |मगर कौम को बदनाम करने के लिए मैनेजमेंट जिम्मेदार है |
तीसरी और अहम बात कि आपकी आंखों में से आंसू आ जाएंगे | यदि समाज में एक बोहरा परिवार की मानसिक तौर पर या दिमागी तौर पर कमजोर बच्ची अगर कुरान या नमाज पढ़ने की शौकीन थी तो उसको एबीएन के प्रिंसिपल हुसैन सहर और मैनेजमेंट ने दाखिला क्यों नहीं दिया ? उस बच्ची का कसूर सिर्फ इतना है कि वह दिमाग से कमजोर है | क्या उसको समाज के स्कूल में या बच्चों के साथ रहने का हक नहीं ? क्या समाज के स्कूलों में ऐसा कोई काबिल टीचर नहीं कि हल्के मंदबुद्धि बच्चों को नमाज और सलात सिखा सके ? आज इस प्रिंसिपल और मैनेजमेंट की नाकाबिलियत की वजह से यह बच्ची कुरान और नमाज से महरूम हो गई |इसके माता-पिता जैसे तैसे इसकी शिक्षा दूसरे स्कूलों में दिलवा रहे हैं | सैयदना साहब का सपना है कि हर घर में एक कुरान हाफिज हो | क्या मुंह दिखाएंगे आप लोग !अगर मैनेजमेंट और प्रिंसिपल ने इस बच्ची को सभी बच्चों के साथ पढ़ने खेलने और सभी तरह के प्रोग्रामों में शामिल करने का फैसला लिया होता तो कुरान नमाज की बरकत से इस बच्ची का दिमाग भी तंदुरुस्त हो जाता | यह बच्ची इंदौर के ही नजमी बाग में मौजूद है | समाज के स्कूलों में मैनेजमेंट और प्रिंसिपल का फर्ज है | कि सभी अमीर और गरीब बच्चों को एक नजर से देखें | समाज में एक ऐसा वर्ग भी है जो गरीब मोमिन के लिए कर्दन हसना, रहने के लिए घर और खाना मुहैया कराता है हम ऐसे शख्सियत को सलाम करते हैं |हम बोहरा समाज की उन्नति की प्रशंसा भी करते हैं |मगर जनता की बदहाली की अनदेखी नहीं कर सकते |
खोजी नजर न्यूज़ के लिए रणजीत मंडलोई की रिपोर्ट
मो. 9827206310 / 7000493011
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